उदयपुर के मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के रिटायर्ड और वर्तमान में कार्य कर रहे कर्मचारियों ने विभिन्न मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। सुखाडिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर पेंशनभोगी ने सुंदरकांड का पाठ करते हुए सद्बुद्धि यज्ञ किया और राज्य सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की तो वही एमपीयूएटी के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की।
अखिल भारतीय संयुक्त कर्मचारी संघ के भरत व्यास ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को राज्य कर्मचारियों और विश्वविद्यालय कर्मचारियों के लिए पुनः बहाल करने का आदेश जारी किया गया।
इस योजना में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू कर लाभान्वित किया गया है, लेकिन विश्वविद्यालयो में पेंशन भुगतान हेतु बजट प्रावधान नहीं है, जिसकी विश्वविद्यालय को सख्त आवश्यकता है, साथ ही राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए यह आदेश जारी किया है कि जो भी कर्मचारी एनपीएस से ओपीएस में जाना चाहता है उसे 12 प्रतिशत ब्याज की दर से पैसा जमा कराना होगा, जबकि राज्य के अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए यह आदेश जारी नहीं किया गया है, ऐसे में यह आदेश विश्वविद्यालय कर्मचारियों के लिए काले कानून जैसा है|