उदयपुर। ब्रह्मपुराण में उल्लेख है, “चैत्रमासे जगदब्रह्मा ससर्ज पृथमेहनि। शुक्ल पक्षे समग्रन्तु तदा सूर्यादये गति।।” अर्थात, ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को की और इसी दिन मानव की उत्पत्ति हुई। महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने भी इस तिथि को आधार मानकर प्रथम भारतीय पंचांग की रचना की, जिसमें दिन, महीना और वर्ष की गणना की गई। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि माना गया है। यह बात भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति के संरक्षक रमेश शुक्ल ने बुधवार को प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने भारतीय कालगणना के महत्व को बताते हुए कहा कि भारतीय नववर्ष वैज्ञानिक और सार्वभौमिक उत्सव है, क्योंकि इसकी गणना पृथ्वी के सभी स्थानों पर समान रहती है।

उन्होंने बताया कि भारतीय कालगणना अन्य कैलेंडरों की तुलना में अधिक सटीक और सार्वभौमिक है। अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखें विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग समय पर बदलती हैं, जबकि हिन्दू तिथियां सभी स्थानों पर समान रूप से लागू होती हैं। उदाहरणस्वरूप, अंतरराष्ट्रीय तारीख रेखा के दोनों ओर अंग्रेजी तारीखों में एक दिन का अंतर रहता है, लेकिन भारतीय तिथियां पूरे विश्व में एक साथ बदलती हैं। प्रेसवार्ता में महंत इंद्रदेव दास व संत समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुलाबदास महाराज ने भी भारतीय नववर्ष के आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व पर विचार रखे।
तीन दिवसीय आयोजन शुरू होगें 28 मार्च से
भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति के संयोजक डॉ. परमवीर सिंह दुलावत ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से उदयपुर में भारतीय नववर्ष को भव्य रूप से मनाया जा रहा है। इस बार नववर्ष विक्रम संवत 2082 के आरंभ अवसर पर आयोजनों का विस्तार किया गया है। इस बार तीन दिवसीय आयोजनों की रचना की गई है। उन्होंने बताया कि 28 मार्च को शुभारंभ घोष वादन से होगा। सबसे पहले शंखनाद कार्यक्रम होगा जो कि शहर में अलग—अलग 6 जगहों पर होगा। इसके बाद शाम को निगम प्रांगण में स्थानीय प्रतिभाओं का प्रकटीकरण समारोह होगा। इस अवसर पर स्थानीय प्रतिभाओं की लोक संस्कृति और राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत प्रस्तुतियां होंगी। 29 मार्च को विशाल भगवा युवा वाहन रैली का आयोजन किया जाएगा।
इस रैली में 10 हजार से ज्यादा वाहनों पर युवा रैली के रूप में शामिल होगें। यह रैली फतह स्कूल से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए टाउन हॉल पहुंचेगी। वाहन रैली कार्यक्रम में बेणेश्वर धाम के पीठाधीश अच्युतानंद महाराज का सान्निध्य प्राप्त होगा। वाहन रैली में सभी प्रतिभागी केसरिया साफा और श्वेत परिधान में शामिल होंगे। इसके साथ ही शहर के विद्यालयों और महाविद्यालयों से नववर्ष पर प्रभात फेरी निकालने का आग्रह भी किया जा रहा है। वही 30 मार्च को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद नगर निगम प्रांगण में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक प्रकाश माली अपनी मधुर प्रस्तुतियां देंगे। इस मुख्य आयोजन में बड़ीसादड़ी स्थित गोपाल पुरुषोत्तम आश्रम के पीठाधीश सुदर्शनाचार्य महाराज तथा झाड़ोल स्थित मांकड़ादेव धाम के गुलाबदास महाराज का सान्निध्य प्राप्त होगा।