उदयपुर। जिले के आदिवासी अंचल गोगुंदा के समीप ग्राम पंचायत छाली में पिछले 5 दिनों से सर्च अभियान के दौरान सभी को छकाने वाला लेपर्ड आखिरकार मंगलवार को पिंजरे में कैद हो गया। खास बात यह थी कि पिछले पांच दिनों से सर्च अभियान के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियो के लिए एक लेपर्ड मुसीबते खडी कर रहा था लेकिन मंगलवार को एक साथ दो लेपर्ड पिंजरे में कैद होने से ग्रामीणों सहित सर्च करने गई सभी टीमों ने राहत की सांस ली।
बता दे कि गोगुंदा की ग्राम पंचायत छाली के तीन राजस्व गांवों में लेपर्ड ने 3 दिन में 5 किलोमीटर के दायरे में 3 लोगों को मार डाला था। इससे पूरे इलाके के ग्रामीण भय के माहौल में जीने को मजबूर थे। इसके बाद वन विभाग और आर्मी की टीम को लेपर्ड की तलाश के लिए मौके पर आना पडा। गोगुंदा एसडीएम नरेश सोनी ने बताया कि पंचायत के उमरिया गांव में सोमवार देर रात वन विभाग के लगाए गए पिंजरे में 2 लेपर्ड कैद हो चुके हैं। पिंजरे में मांस और मछली की गंध वाला पानी रखा गया था। इसे खाने के लिए लेपर्ड पिंजरे में घुसे और कैद हो गए। सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
पिंजरों में कैद हुए 2 लेपर्ड, इनमें से एक है बूढ़ा
मुख्य वन संरक्षक सुनील छिद्री ने बताया कि सोमवार देर रात अलग-अलग पिंजरों में 2 लेपर्ड कैद हुए हैं। इनमें एक बूढ़ा लेपर्ड है, जिसके कैनाइन दांत (लंबे-नुकीले दांत) नहीं हैं। सामान्यत: लेपर्ड में 4 कैनाइन दांत होते हैं। इनमें 2 ऊपर और 2 नीचे होते हैं। इसी से लेपर्ड अपना प्राकृतिक शिकार करते हैं। बूढ़े लेपर्ड के दांत नहीं होने से वह अपना प्राकृतिक शिकार नहीं कर पा रहा था। इसके लिए इंसानों पर अटैक करना आसान था। इसलिए संभावना है कि जो 3 लोग मारे गए हैं, वे इसी बूढ़े लेपर्ड ने मारे हैं। हालांकि इसे लेकर हमारी टीम कई पहलुओं पर एनालिसिस कर रही है। इसके बाद ही स्पष्ट रूप से पुष्टि हो पाएगी।
सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाए गए दोनों लेपर्ड
एक साथ दो लेपर्ड के पिंजरे में कैद होने के बाद दोनों लेपर्ड को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया। बता दे कि दोनों लेपर्ड पिंजरे में कैद होने के बाद कई देर तक छटपटाते नजर आए। इससे उनके मुंह पर मामूली चोट लग गई। थोड़ा खून भी बहा। सज्जनगढ़ में वेटरनरी डॉक्टर इनका इलाज करेंगे। स्वस्थ होने के बाद वन विभाग इन दोनों लेपर्ड को रखने को लेकर कोई निर्णय लेगा।
छाली ग्राम पंचायत बन गया कंट्रोल रूम
लेपर्ड को पकड़ने के लिए आर्मी, वन विभाग, पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। ऐसे में छाली ग्राम पंचायत को कंट्रोल रूम तब्दील कर दिया। डीएफओ अजय चित्तौड़ा, गोगुंदा एसडीएम नरेश सोनी, सायरा तहसीलदार कैलाश इडानिया बैठकर पूरी मॉनिटरिंग करते रहे। जंगल में लेपर्ड की लोकेशन मिलने पर कंट्रोल रूम में संदेश आता और तुरंत रेस्क्यू टीम को उस लोकेशन पर भेजा जाता। ग्रामीणों ने भी वन विभाग की रेस्क्यू टीम का सहयोग किया।
गोगुंदा के बाद सायरा थाना क्षेत्र में लेपर्ड ने किया लोमडी का शिकार
गोगुंदा के छाली ग्राम पंचायत के बाद सायरा के सुथार मादडा में लेपर्ड का आतंक नजर आया। लेपर्ड ने खेत में छिपी लोमडियो के झुंड पर हमला कर दिया। पास में खेत पर काम कर रहे युवक के चिल्लाने से लेपर्ड लोमड़ियों को छोड़ जंगल में भाग गया।
इधर इस घटना के बाद ग्रामीणों में बना भय का माहौल व्याप्त हो गया। ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना वन विभाग को दी। ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर भी लेपर्ड का मूवमेंट कई बार देखा गया है और वन विभाग को पूर्व में भी सूचना दी गई लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।