जिला कलेक्टर के भेजे गए पत्र पर सरकार ने लिया निर्णय, 23 सितम्बर को मावली कस्बा रहा था बंद
उदयपुर जिले के मावली कस्बे में तात्कालीन गहलोत सरकार की ओर से मदरसे के लिए आंवटित की गई जमीन को प्रदेश की भजनलाल सरकार ने निरस्त कर दिया हैं। राज्य सरकार के राजस्व विभाग के उप शासन सचिव ने आंवटित जमीन करे निरस्तीकरण के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद मावली में खुशी का माहौल है और सर्व हिंदू समाज ने इस फैसले का स्वागत किया हैं। बता दे कि मावली में सर्व हिंदू समाज की ओर से मदरसे की जमीन के आंवटन को निरस्त करने को लेकर विशाल विरोध प्रदर्शन के साथ मावली कस्बे को एक दिन के लिए बंद रखा था।
इसमें मावली के आसपास गांवो का पूरा समर्थन मिला था और मावली के अलावा अन्य गांवो के बाजार भी एक दिन के लिए बंद रहे थे। आदेश आने के बाद मावली एसडीएम का कहना है कि जमीन आंवटन के निरस्तीकरण के आदेश राज्य सरकार ने दिए हैं। इस मामले में पूर्व भाजपा प्रदेशअ अध्यक्ष एवं चित्तौड़गढ़ सांसद ने मावली में आंदोलन के दिन साफ कहा था कि इस जमीन का आवंटन निरस्त करेंगे।
सर्व हिंदू समाज के विरोध के बाद जिला कलेक्टर ने सरकार को भेजा था पत्र
गत सोमवार को मावली कस्बे में सर्व हिंदू समाज का भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। हजारों की तादात में लोगों ने भाग लेते हुए एक स्वर में निरस्त करने की मांग की। लोगों की संख्या को देखते हुए मावली एसडीएम ने जिला कलेक्टर को पूरे मामले से अवगत करवाया। इसके बाद जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने राज्य सरकार से जमीन निरस्त करने के लिए अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिया। दो दिन बाद ही राजस्व विभाग के उप शासन सचिव ने आदेश जारी करते हुए आंवटन को निरस्त कर दिया।
4 बीघा 16 बिस्वा जमीन की गई थी आंवटित
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन गहलोत सरकार के कार्यकाल में मावली के गायत्री नगर के पास 4 बीघा 16 बिस्वा जमीन मदरसा को आवंटित की गई थी। इसको लेकर सर्व समाज के लोगों ने आपत्ति जताते हुए इस जमीन आवंटन को निरस्त करने की मांग करते हुए 23 सितंबर को मावली बंद का आहृान किया था। इसके तहत वहां हजारों लोग जुटे थे और रैली निकालकर ज्ञापन दिया। इस दौरान मावली, फतहनगर, घासा, डबोक, खेमली, ईंटाली सहित आसपास के गांव में बाजार बंद रहे थे।
आंवटित जमीन के आसपास थे हिंदू मंदिर और श्मसान
मावली कस्बे में गहलोत सरकार की ओर से मदरसे के लिए जारी की गई आंवटित जमीन हिंदू ममंदिर और श्मासन के आसपास थी। इसकी वजह से सर्व हिंदू समाज ने निरस्त करने की मांग की। इसके लिए अब्दुल रहमान प्रकरण का हवाला दिया गया है। साथ ही कहा गया कि आवंटित जमीन के आसपास हिंदू मंदिर और श्मशान होने से गलत तरीके से जमीन का आंवटन कर दिया गया हैं। इसे रद्द किया जाना चाहिए। इस पर सरकार ने प्रंसज्ञान लेकर निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई।