उदयपुर। जिले का गोगुंदा कस्बा इन दिनों तेंदुए के आंतक की वजह से चर्चा में हैं। शुक्रवार देर रात कुंडाऊ गांव में तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे में एक तेंदुआ फंस गया और उसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली लेकिन अब गोगुंदा मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर दूर चाटिया खेड़ी के राणा गांव में तेंदुए के घुसने से ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। तेंदुए ने कुल आठ भेड़ों पर शिकार किया उसमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं दूसरी और चार की हालत गंभीर है वहीं एक भेड को उठाकर जंगल में ले गया। तेंदुए के इस हमले से ग्रामीणों में दहशत होने के बावजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचे। आबादी क्षेत्र में तेंदुए के आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हैं।
तेंदुए की हमला वन विभाग के साथ—साथ पुलिस को दी गई। सूचना मिलने के बाद वन विभाग से फॉरेस्टर विकास नेहरा सहित पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के सामने पिजंरा लगाने की मांग की। ग्रामीणों की माने तो इस क्षेत्र में लगातार तेंदुओ के आबादी क्षेत्र में आने से लोगो का जीना मुश्किल हो गया हैं।
ग्रामीण दिन रात दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं। इससे पहले एक सप्ताह से तेंदुए की तलाश कर रहे वन विभाग के अधिकारियों को आखिरकार शुक्रवार देर सफलता मिल ही गई। शुक्रवार रात को कुंडाऊ गांव में लगाए गए पिंजरे में वह फंस गया। दिन में तेंदुआ तीन लोगों को मार चुका था. उसके बढ़ते हमलों से आसपास के इलाकों में डर का माहौल था.वन विभाग, सेना और वाइल्ड लाइफ के 50 से ज्यादा कर्मचारी तेंदुए को पकड़ने में लगे थे।
5 साल की मासूम की ली थी जान
शुक्रवार की सुबह करीब 3 से 4 बजे तेंदुआ पिंजरे में अपने आप पिजंरे मे आ गया। जब ग्रामीणों ने तेंदुए की दहाड़ सुनी तो उन्हें इसके पकड़े जाने की जानकारी हुई. जिसके बाद उन्होंने वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दी. बता दें कि यह वही तेंदुआ है जिसने दो दिन पहले कुंडौ गांव में पांच साल के मासूम सूरज को मार डाला था.
बायोलॉजिकल पार्क लाया गया तेंदुआ
वन विभाग के जरिए लगाए गए पिंजरे में तेंदुए के कैद होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. फिलहाल पैंथर को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है. वहां पशु चिकित्सकों के जरिए उसकी जांच की जाएगी. दो दिन तक वन विभाग के 40 कर्मचारियों की तलाश के बाद पैंथर को पकड़ा गया.