आदिवासियों से ठगी करने चिटफंड कंपनी द्वारा ठगी गई रकम को शिक्षक ने वापस दिलवाया
उदयपुर। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र झाड़ोल, फलासिया और कोटड़ा में चिटफंड कंपनियां मेंबर बना कर भोले-भाले आदिवासियों को लूटने का काम कर रही है। इसी तरह की एक कंपनी द्वारा लोगों को बिना काम किए पैसा कमाने का झांसा देकर पैसा ऐंठने के मामला सामने आने पर
स्थानीय शिक्षक ने चिटफंड कंपनी के अधिकारियेां से सम्पर्क कर लोगों का पैसा दिलवाया।
स्थानीय सरकारी शिक्षक दुर्गाराम ने बताया कि न्यू डिजिटल प्लान नाम की एक कंपनी ने फलासिया के मादड़ी क्षेत्र में कई गांवों में स्थानीय लोगोंं से सम्पर्क कर हर महीने बिना काम किए बैठे-बैठे ही खाते में हर सप्ताह हजारों रूपए आने का झांसा दिया। इस कंपनी ने स्थानीय लोगों को बोला कि इस कंपनी से जुड़ने पर प्रति सप्ताह हजारों रूपए आएंगे, जिनको वह निकाल कर खर्च कर सकते है। अगर ऑनलाइन खरीददारी करते है या फोन रिचार्ज करते है तो कैश बैक मिलेगा।
साथ ही झांसा दिया कि फ्री पैन कार्ड बन जाएगा। कंपनी के लिए काम करने वाले कर्मचारी क्षेत्र में जाकर भोली-भाली जनता को गुमराह करते हुए बताते है कि यह कंपनी बाहर की है। भारत में अभी ही आई हैए और जो सबसे पहले इससे जुड़ेगा उसको सबसे ज्यादा फायदा होगा और थोड़े ही दिनों में लाखों रुपए कमा लेगा। कमचारी अपने पूरे परिवार को इससे जुड़ा हुआ बताकर कंपनी के झूठे स्क्रीन शॉट दिखाकर आदिवासियों को झांसे में लेते हैं। यह कंपनी ज्यादातर आदिवासी औरतों को झांसे में लेती हैं, क्योंकि महिलाएं डर के मारे अपने साथ हुए धोखे को किसी को नहीं बता पाती है। न्यू डिजिटल प्लान कंपनी ने मादड़ी एवं आसपास की सैकड़ों महिलाओं को 800-800 रूपए लेकर मेंबर बनाया था। जब इन महिलाओंके खाते में रूपए नहीं आए तो इनको अपने साथ ठगी का अंदेशा हुआ।
कंपनी से संपर्क किया तो कम्पनी ने रूपए देने से मना कर दिया। गांव वालों ने जब कंपनी को पुलिस में शिकायत देने की चेतावनी दी तो कंपनी ने उल्टे गांव वालों को ही धमकाया। डर के मारे महिलाओं ने शिक्षक दुर्गाराम मुवाल से संपर्क किया। दुर्गाराम ने इन सभी महिलाओं से सारी जानकारी प्राप्त कर कम्पनी से संपर्क किया तो पहले कम्पनी ने शिक्षक को भी गुमराह करने की कोशिश की। कंपनी ने काफी टालमटोल करने का प्रयास किया, पर शिक्षक दुर्गाराम अपनी टीम के सदस्य प्रकाश पारगी एवं अन्य के सहयोग से काफी महिलाओं को उनका पैसा वापस दिलवाने में कामयाब हुए।
दुर्गाराम मुवाल ने बताया कि कम्पनी इस क्षेत्र में लोगों को लालच देकर अपने झांसे में लेती हैं, उनको फ्री में पैन कार्ड बनवाने का झांसा देकर पैन कार्ड बनवाती है और उसी पैन कार्ड के जरिए छोटे-छोटे फाइनेंसर इन आदिवासी लोगों को लोन देने का कार्य करते हैं, जब समय पर लोन की किस्त जमा नहीं होती हैं तो कम्पनी इन लोगों को डराती धमकाती है। शिक्षक दुर्गाराम ने पुलिस अधिकारियों से ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
10 वर्षीय बालिका के साथ सौतेले पिता ने किया दुष्कर्म
उदयपुर। शहर के सुखेर थाना क्षेत्र में एक कलयुगी पिता ने अपनी ही 10 वर्षीय सौतेली पुत्री के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। आरोपी पिता कई दिनों से अपनी सौतेली पुत्री के साथ दुष्कर्म कर रहा था साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा था। परेशान होकर पीड़िता ने अपनी मां को बताया तो मामला सामने आया।
पुलिस के अनुसार एक महिला जिसके चार बच्चे है और वह अकेली ही अपने बच्चों के साथ मजदूरी कर जीवन यापन कर रही थी। करीब एक वर्ष पूर्व इस महिला का सम्पर्क एक आरोपी से हुआ, जो भी मजदूरी करता था। मजदूरी करने के दौरान यह युवक इस महिला को भगाकर ले गया। यह महिला अपने चार बच्चों के साथ इस युवक के साथ चली गई और साथ में ही रहने लगी थी। महिला लोगों के घरों में झाडू-पोंछाकर मजदूरी करती थी और यह युवक भी मजदूरी करता था।
महिला घरों में काम करने गई थी और पीछे से यह युवक घर पर अकेला था। इस दौरान इस युवक ने मौका देखकर अपनी 10 वर्षीय सौतेली बच्ची से दुष्कर्म किया, साथ ही इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। लगातार चार दिनों से यह युवक इस बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था। पिता की धमकी से परेशान यह बच्ची किसी को कुछ नही बता रही थी और गुमसुम रह रही थी। इसकी मां ने इसे परेशान और गुमसुम देखकर विश्वास देकर पूछा तो बच्ची ने रोते हुए सारी बात मां को बता दी।
जैसे ही मां को यह पता चला तो वह आक्रोशित हो गई और उसने अपने पति से बारे में पूछा तो वह इसे झूठ बताते हुए महिला से विवाद करने लगा। इस पर महिला थाने पर आने लगी तो आरोपी युवक ने अपनी गलती मानकर माफी मांगी पर महिला नहीं मानी और थाने पर आकर रिपोर्ट दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जिसकी जांच की जा रही है। इधर आरोपी फरार चल रहा है, जिसकी जांच की जा रही है।
15 रूपए ज्यादा लेने पर अब देने होंगे 25500 रूपए
उदयपुर। राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने नीचली अदालत का फैसला बदलते हुए रिलायंस स्मार्ट द्वारा उत्पाद पर निर्धारित किमत से 15.25 रूपए वसूलने पर 25 हजार 500 रूपए ज्यादा देने के आदेश दिए है। पूर्व के उपभोक्ता फोरम ने 1525.25 रूपए देने के आदेश दिए थे।
जानकारी के अनुसार संजीव कुमार पुत्र वायपी शर्मा निवासी गुलशन नगर रामपुरा रोड़ ने प्रबधंक रिलायंस स्मार्ट, रिलायंस रिटेल लिमिटेड़, लेकसिटी मॉल अशोक नगर मैन रोड़ के खिलाफ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग राजस्थान सर्किट बैंच न्यायालय परिसर उदयपुर में अपने अधिवक्ता ओजस शाकद्विपी की ओर से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के फैसले के खिलाफ अपील की कि प्रार्थी ने विपक्षी स्टोर से 1.12.2019 को 45 उत्पाद क्रय किए थे। जिसमें नवरत्न तेल के पैकेट पर खुदरा मूल्य 265 की जगह 280.25 रूपए प्राप्त कर लिए। इस प्रकार 15.25 रूपए निर्धारित किमत से ज्यादा वसूल लिए।
जिला उपभोक्ता न्यायालय ने इस प्रकरण में मानसिक संताप के पेटे 500 रूपए तथा परिवाद व्यय के पेटे 1000 रूपए की राशी दिलवाई और 15.25 रूपए जो अधिक वसूले थे वह वापस दिलवाए। इस पर परिवादी की ओर से इस फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद अपील पेश की इस पर फोरम के प्रतितोष के पीठासीन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार जैन व सदस्य रामफूल गुर्जर ने आदेश को बदलते हुए प्रबधंक रिलायंस स्मार्ट, रिलायंस रिटेल लिमिटेड़, लेकसिटी मॉल अशोक नगर मैन रोड़ को परिवाद व्यय के रूप में 1 हजार के स्थान पर 5 हजार रूपए, मानसिक संताप व कष्ट के पेटे 500 रूपए के बजाए 20 हजार रूपए देने के आदेश जारी किए है।