उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने विधानसभा में कहा कि आपातकाल को राजस्थान में पाठ्यक्रमों में लागू किया जाना चाहिए ताकी राजस्थान के विद्यार्थियों को भी आपातकाल के काले दिनों के बारे में पता चल सकें। इसके साथ ही विधायक जैन ने उस समय जेल में रहे लोगों अन्य सुविधाएं भी देने की मांग की है।

उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान लोकतंत्र सैनानी सम्मान विधेयक पर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान विधायक जैन ने आपातकाल पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आपातकाल के दौर में लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए थे और पुलिस जो भी सरकार का विरोध कर रही थी उन्हें बिना बताएं गिरफ्तार कर रही थी। उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि उस दौर में सरकार ने उन्हें भी गिरफ्तार किया था और एक बाल स्वयं सेवक भारत मथुरिया को भी गिरफ्तार किया था, जिसके साथ भी इतनी मारपीट की कि उसके कान की झिल्ली फट गई थी और बहरा हो गया था। शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि पूर्ववती वसुन्धरा राजे सरकार ने सम्मान निधि की घोषणा की थी, जिसे कांग्रेस सरकार ने आते ही बंद कर दिया, जिसे पुन: शुरू किया जाए।
इसके साथ ही शहर विधायक ताराचंद जैन ने सरकार से मांग की है कि आपातकाल के उस काले दौर को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए ताकी प्रदेश के विद्यार्थियों को पता चल सकें कि आपातकाल क्यों लगाया और उस दौर में लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार किया गया। इसके साथ ही जैन ने कहा कि सरकार ने लोकतंत्र सैनानियों को टोल में छूट दी थी, जिसे कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया उसे पुन: लागू किया जाए। जैन ने मांग की है कि जो इस आंदोलन में कम समय में भी जेल में रहे थे उन्हें यह सम्मान नहीं मिल रहा है और उनकी फाईलें अटकी पड़ी है, उन्हें भी यह सम्मान मिलना चाहिए। जैन ने मांग की है कि लोकतंत्र सैनानियों को 15 अगस्त और 26 जनवरी पर आयोजित होने वाले समारोह में बुलाया जाए और लोकतंत्र सैनानियों को स्वतंत्रता सैनानियों की तरह सम्मान दिया जाए।