उदयपुर जिले में शीतला सप्तमी का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। होलिका दहन के सात दिन बाद शीतला सप्तमी का पूजन होता है। शहर के रंगनिवास चौकी के समीप स्थित शीतला सप्तमी के मौके पर भारी भीड रही और सुबह 4 बजे ही महिलाए शीतला माता के पूजन के लिए पहुंच गई।

महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने परंपरागत रूप से तैयार किए गए ठंडे व्यंजनों का भोग माता को अर्पित किया। विशेष रूप से रांदा-पावा जैसे पारंपरिक व्यंजन भोग में शामिल थे। शीतला माता की पूजा का विशेष महत्व है। वैशाख, जेठ और आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इन चार महीनों में व्रत रखने से शीतला से संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिलती है। पूजा विधि में शीतल जल और ठंडे भोजन का भोग लगाना आवश्यक माना जाता है।