उदयपुर। शारदीय नवरात्रि में मां शक्ति की आराधना के इन नौ दिनों का सभी को इंतजार रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करने से इसका विशेष लाभ मिलता है।
साथ ही इन नौ देवियों को नौ रंग समर्पित हैं, जिन्हें पूजा में शामिल करने से मां बेहद प्रसन्न होती हैं। ऐसे में आपको पूजा के दौरान उन रंगों को जरूर शामिल करना चाहिए। इसके अलावा अगर आप इन नौ रूपों और उनके पसंदीदा रंगों का महत्व जान लेते हैं।
लेकसिटी में नवरात्रि के नौ दिनों तक सभी शक्तिपीठों में भक्तों की भारी भीड रहती हैं। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र के शक्तिपीठों पर भी भक्तों का हुजुम उमड़ता हैं। आपको नौ अलग—अलग शक्तिपीठों से रूबरू करवाते है।
आवरी माताजी
आवरी माताजी का मंदिर चित्तौडगढ़ जिले में स्थित हैं। आवरी माताजी मंदिर हिंदुओं का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर राजस्थान के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। माता की मूर्ति मंदिर के मुख्य मध्य भाग में स्थित है और मूर्ति को सुंदर फूलों और सोने के आभूषणों से सजाया गया है। ऐसा माना जाता है कि भदेसर गांव के जमींदार का नाम आवाजी था।
आवाजी के सात बेटे और एक बेटी थी। आवाजी ने अपने बेटों से अपनी बेटी केसर के लिए दूल्हा ढूंढने को कहा। सातों भाइयों ने अलग-अलग जगह शादी तय की। कैसर ने अपनी कुल देवी की पूजा की और इस समस्या को ठीक करने का आग्रह किया। विवाह के दिन इसमें मिट्टी धंस जाती है। जब बेटी धरती के नीचे जा रही थी तो पिता ने अपनी बेटी का हाथ पकड़ लिया. इससे क्रोधित होकर केसर ने अपने पिता को श्राप दे दिया था।
आवाजी ने श्राप से मुक्ति के लिए मंदिर का निर्माण कराया जो अब आवरी माता के नाम से जाना जाता है। आवरी माता मंदिर में सभी त्यौहार मनाये जाते हैं, खासकर दुर्गा पूजा, नवरात्रि और हनुमान जयंती के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।