केन्द्र सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास एवं कल्याण से जुड़ी चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर चिन्तन शिविर आयोजित किया जा रहा है। शिविर का उद्घाटन शनिवार को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, उड़ीसा की उप मुख्यमंत्री प्रवति परिदा, राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार, केन्द्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक शामिल हुए। शिविर में देश के कई राज्यों के महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री शामिल हुए है।
इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार महिला एंव बाल संरक्षण के कार्यो को तेजी से आगे बढ़ा रहे है और आगे भी इन कार्यो में कमी नहीं आने देगें। उन्होंने यह भी कहा कि बाल संरक्षण के लिए तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार में वर्ष 2009 में यह बजट 60 करोड़ रूपए था जबकि वर्तमान में कई गुणा बढ़कर यह बजट 1500 करोड़ रुपए पहुंच गया है। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सुपोषित ग्राम पंचायत का शुभारंभ किया जिसका फायदा भी गांव-गांव को मिल रहा है।
चिंतन शिविर में भाग लेने पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित चिंतन शिविर में भाग लेने के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शनिवार को उदयपुर पहुंचे। शर्मा ने होटल रेडिशन ब्लू में शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि शिविर में कई विषय निकलकर आएंगे और उन विषयों को हम समाहित करेंगे। चर्चा और निष्कर्ष के बाद उसकी क्रियान्वति होगी और इससे ही महिला एवं बाल विकास विभाग मजबूत होगा। इसकी सबसे छोटी इकाई आंगनवाड़ी ही है। प्रथम गुरु मां है और इसके बाद आंगनवाड़ी केंद्रों पर छोटे बच्चों को वहां संभाला जाता है।
उदघाटन सत्र में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र अब बच्चों की शिक्षा तक सीमित नहीं है ये पोषण के लिए भी काम कर रहे है। मोदी सरकार की प्राथमिकता में गरीब, युवा और किसान है।