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टिकट कटने बाद उप महापौर पारस सिंघवी बगावती तेवर:कहा कटारिया कब तक उदयपुर की राजनीति को दूषित करोगे

उदयपुर। भाजपा की प्रत्याशियों की सूची घोषित होने के बाद से ही उदयपुर शहर में हाहाकार मचा हुआ है। टिकट कटने से आहत उप महापौर पारस सिंघवी ने असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि कटारिया कब तक उदयपुर की राजनीति को दूषित करेंगे।

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उन्हें असम का राज्यपाल बना दिया गया है वे इस पद की गरिमा का ध्यान रखे, पर उन्होंने वे ऐसा नही करके उदयपुर की गलियों की राजनीति में विशेष ध्यान रख रहे है। सिंघवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कटारिया ने पहजे मांगीलाल जोशी, किरण माहेश्वरी, धर्मनारायण जोशी और रणधीरसिंह भीण्डर को छला है और इसकी सजा उन्हें यहीं पर भुगतनी होगी। साथ ही कटारिया ने भाजपा प्रत्याशी ताराचंद जैन पर भी आरोप लगाया कि वर्ष 2018 में कटारिया को हराने का प्रयास किया था। वहीं राष्ट्रीय नेतृत्व से भी अपना निर्णय बदलने की गुहार लगाई है।

शहर विधानसभा से भाजपा द्वारा ताराचंद जैन को प्रत्याशी बनाने के बाद से ही विरोध शुरू हो गया है। टिकट की दौड़ में प्रबल दावेदार माने जा रहे उप महापौर पारस सिंघवी के समर्थकों में निराशा व्याप्त हो गई। टिकट की घोषणा होने के बाद से ही पारस सिंघवी के घर पर उनके समर्थकों का उमड़ना शुरू हो गया। इस दौरान सिंघवी ने कई नेताओं से अपने कमरे में बंद होकर बात की और कई नेताओं को जयपुर-दिल्ली फोन लगाकर भी बात की। इसके बाद शाम को सात बजे शिवाजी नगर स्थित सामुदायिक भवन में उप महापौर पारस सिंघवी के समर्थकों की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 500 से अधिक समर्थक एकत्रित हुए।

जिसमें पहले तो सभी ने ताराचंद जैन को टिकट देने का विरोध जताया। इसके बाद पारस सिंघवी ने अपने सम्बोधन में अपनी पीड़ा को बताया। सिंघवी ने कहा कि पार्टी कुछ नेताओं के हाथ में खेल रही है जो उचित नहीं है। संवैधानिक पद पर जाने के बाद भी अपनी मर्जी आए जो निर्णय लिया जा रहा है वह गलत है। सिंघवी ने खुले मंच से असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि कब तक उदयपुर की राजनीति को दूषित करोगे, हमने मन से कटारिया का साथ दिया और कटारिया ने ऐसा निर्णय कर दिया जो किसी को स्वीकार्य नहीं है। सिंघवी ने कहा कि विचारधारा भ्रमित हो रही है इसके लिए सभी को सोचना होगा।

सिंघवी ने ताराचंद जैन को ललकारते हुए कहा कि ताराचंद जैन तुम चुनाव लड़ों यह जनता बताएगी कि तुम चुनाव जीतोगे या नहीं। सिंघवी ने कटारिया के लिए कहा कि आपकी जिद, अहंकार, अभिमान की वजह से 2018 चुनाव में बुरी हालत थी। 2018 मेें जैन समाज के लोग नहीं होते तो क्या होता।

प्रत्याशी जैन के लिए कहा जिसने 2018 में कटारिया को हराने का प्रयास किया उसे ही कटारिया ने सम्मान दिया

सिंघवी ने कहा कि इसकी सजा भुगतनी होगी, उपर वाले के हाथ में देर है पर अंधेर नहीं है। प्रत्याशी ताराचंद जैन के लिए सिंघवी ने कहा कि जिसने 2018 में विरोध किया उसे सम्मान दिया, जो विरोधी रहा उसे सम्मान दिया गया। सिंघवी ने खुले तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि कटारिया ने मांगीलाल जोशी, किरण माहेश्वरी, धर्मनारायण जोशी, रणधीर सिंंह भीण्डर को छलने का प्रयास किया। चार बार पार्षद और उप महापौर टिकट काटकर अपमान किया गया, इसका कारण बताना होगा नहीं तो सजा भुगतनी होगी। सिघंवी ने राष्ट्रीय नेतृत्व से आव्हान किया कि वे सोचे की उन्होंने गलती की है वे निर्णय को बदले।

निर्णय पर अटल, 24 घंटे संगठन को

उप महापौर पारस सिंघवी ने बैठक में कहा कि मैने मेरी राय तय कर ली है और जो होगा वह देखा जाएगा। साथ ही कहा कि वह रविवार शाम तक पार्टी के साथ है और पार्टी को अपना निर्णय बदलना होगा। अब मुकाबला आर-पार का होगा। साथ ही अपने साथी पार्षदों से कहा कि यदि उन पर तलवार गिर सकती है तो मत आना पर अपने मन की बात जरूर सुनना। इसके साथ ही उप महापौर पारस सिंघवी ने कहा कि 24 घंटों में यदि पार्टी ने अपना निर्णय नही बदला तो वे उदयपुर की जनता की बात सुनेंगे।
घर पर आए पार्षद बैठक से गायब

इधर ताराचंद जैन का टिकट घोषित होने के बाद से ही पारस सिंघवी के घर पर निगम में उनके साथी पार्षद हेमंत बोहरा, रमेश जैन, लोकेश कोठारी, देवेन्द्र साहू, कुसुम पंवार, वेणीराम सालवी, माधुरी राठौड़, आशा सोनी घर पर पहुंच गए। जैसे ही सामुदायिक भवन में बैठक हुई तो वहां पर मात्र वेणीराम सालवी और माधुरी राठौड़ ही पहुंचे, शेष सभी गायब हो गए।

ये भी आरोप लगाए सिंघवी
– ये वहीं है जिसने सिंघवी का चरित्र हनन का प्रयास किया, पार्टी में पर्चे बंटवाए, एक पार्षद को कहा पारस का चरित्र हनन करों, महापौर बना दूंगा, उसे ही टिकट दे दिया।
– मुझे मत तो टिकट पर जिसने बीजेपी के लिए काम किया हो उसे टिकट दो।
– जिसने गुलाबचंद को गाली दी, उपरणा ओढ़ने से इंकार किया आज उसे प्रत्याशी बना दिया।
– रविन्द्र श्रीमाली, प्रमोद सामर को दे दो, पर जो पार्टी को रोड़ पर लाया उसे क्यों दिया।
– उदयपुर की जनता का अपमान किया, जिसे यह जनता सहने वाली नहीं है।
– मुझे ऐसे वार्ड से टिकट दिया जहां से जीता नहीं जा सकता था तब कटारिया ने कहा कि मैं भी चुनाव हारा हूँ तो मै चुनाव लड़ा।

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