उदयपुर। संभाग के सबसे बड़े एमबी हॉस्पिटल में बुधवार को रेजीडेंट डॉक्टर्स के हडताल पर चले जाने से व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। हॉस्पिटल में ओपीडी, आईसीयू सहित आपातकालीन सेवाएं पूर्ण रूप से बाधित रही। 650 रेजीडेंट डॉक्टर्स के साथ हडताल पर चले जाने से सीनियर डॉक्टर ने मोर्चा संभाला लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने से ओपीडी के बाहर लम्बी—लम्बी कतारें लग गई। खासकर मेडिसिन सहित अन्य कुछ विभागों के बाहर मरीजों की संख्या अधिक होने अपने नम्बर का घंटो इंतजार करना पड़ा। सीनियर डॉक्टर्स के मोर्चा संभालने के बाद मरीजों को कुछ हद तक राहत मिली लेकिन रेजीडेंट डॉक्टर्स के मुकाबले सीनियर डॉक्टर्स की संख्या बहुत कम होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
रेजीडेंट डॉक्टर्स ने प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
उदयपुर रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर रेजीडेंट के सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार के निर्णय के बाद बुधवार को सभी रेजीडेंट हॉस्पिटल के मेन पॉर्च में इकठ्ठा हुए और हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपक निनामा और महासचिव डॉ. जतिन प्रजापति ने संयुक्त रूप से बताया कि एमबी हॉस्पिटल में कार्यरत सभी रेजीडेंट डॉक्टर्स का पिछले एक साल से स्टाइफंड, वेतन, एचआरए, एरियर का भुगतान नियमित रूप से नहीं किया जा रहा हैं। कई बार प्रशासन को अवगत करवाया गया लेकिन प्रशासन के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं आया। इस तरह की समस्या राजस्थान में कई पर भी नहीं है लेकिन उदयपुर में इन समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा हैं।
कई ऑपरेशन टले, कई मरीजों को मिली नई तारीख
रेजीडेंट डॉक्टर्स के अचानक हडताल पर चले जाने से बुधवार को कई ऑपरेशन को टालना पड़ा और कई मरीजों को ऑपरेशन की नई तारीख दी गई हैं। हांलाकि यह तय नहीं है कि यह हडताल कब तक चलेगी लेकिन रेजीडेंट डॉक्टर्स का मानना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
रेजीडेंट की हडताल को इंटर्न डॉक्टर्स ने भी दिया समर्थन
रेजीडेंट डॉक्टर्स की हडताल को इंटर्न डॉक्टर्स ने भी समर्थन दे दिया हैं। इससे वार्ड में भर्ती मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। इंटर्न डॉक्टर्स के हडताल में शामिल होने से अब एमबी हॉस्पिटल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई हैं। इंटर्न डॉक्टर्स का मानना है कि इनके साथ जो समस्याएं आ रही है आगे चलकर हमारी साथ भी आ सकती हैं इसलिए रेजीडेंट डॉक्टर्स की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण होना चाहिए।