उदयपुर। उत्तराखंड चार धाम परियोजना में सिलक्यारा टनल तथा देवास 2 की टनल खुदाई के समय हुए हादसों को ध्यान रखते हुए देवास 3 तथा देवास 4 के लिए टनल खुदाई में सेफ्टी गाइडलाइंस की पूर्ण पालना करने के निर्देश अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश टेपण ने अधिशासी अभियंता सुखाड़िया जल अपवर्तन योजना उदयपुर दिए।
झील संवर्धन एवं झील विकास समिति, बोट कमेटी, तथा वेटलैंड एवं सीवरेज टास्क फोर्स के पूर्व सदस्य प्रो महेश शर्मा ने राजेश टेपण से मिल कर टनल खुदाई में सेफ्टी गाइडलाइंस की पालना करने की मांग थे। प्रो. शर्मा ने बताया कि देवास 2 की टनल खुदाई के समय एस्केप पैसेज के अभाव में मिट्टी ढहने पर एक श्रमिक सप्ताह भर तक टनल में फंसा रहा था। अत: एस्केप रूट का निर्माण समय से पूर्व करने के लिए कहा। शर्मा ने माँग की है कि टनल के अंदर एक्सप्लोसिव के उपयोग में भी सावधानी बरतने के निर्देश देवे। शर्मा ने माँग की कि इस निर्माण के दौरान विशेषज्ञों की मॉनिटरिंग कमिटी द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग भी जरूरी है।
इस सुखाड़िया जल अपवर्तन योजना के तहत गोगुंदा क्षेत्र के नाथियाथल गांव में 703 एमसीएफटी (देवास.3) और अंबावा गांव के पास वाकल नदी पर 390 एमसीएफटी (देवास.4) भराव क्षमता के बांध प्रस्तावित किए हुए हैं। देवास 4 का पानी देवास 3 में लाने के लिए 4.3 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जानी हैं। देवास 3 से 11.5 किलोमीटर लंबी टनल बनाकर इस पानी को देवास 2 के तहत बने अकोदड़ा बांध में लाया जाएगा। उसके बाद पानी ग्रेविटी से ही अकोदड़ा बांध की 11.5 किमी लम्बी टनल से होता हुआ पिछोला में आएगा। इसमें सावधानी बरतनी होगी ताकी हादसा ना हो सकें। शर्मा ने बताया कि पूर्व में देवास 2 की टनल के निर्माण से निकला मलबा कोड़ियात फ्लड मॉडरेशन डेम के प्रस्तावित स्थल पर डाला था जो उठाया नहीं गया है। अत: मलबा डालने का ऐसा स्थान निर्धारित किया जाए जहां से वह बह कर झीलों में ना आ सकें। अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश टेपण ने तत्काल निर्देश जारी किए।