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वर्ल्ड फोटोग्राफी डे: जिद्द और जुनुन के सामने कोई काम मुश्किल नहीं, दिव्यंगता के बावजूद कई रिकॉर्ड नाम अपने नाम कर चुके हैं गोविंद

उदयपुर। कौन कहता है आसंमा में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों, इस कहावत को पूरा कर दिखाया लेकसिटी के गोविंद खारोल ने। वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर हम आपको ऐसे युवा के बारे में बताना चाहेंगे जिनके जन्म से एक हाथ नहीं हैं दूसरे हाथ में दो ही अंगुलियां फिर भी जिद और जूनून इतना कि एक हाथ की दोनों अंगुलियों से फोटोग्राफी करते हैं। यहीं नहीं उनके नाम दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रेक को साइकिल चलाकर फतह करने का भी रिकॉर्ड हैं।

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शिक्षांतर संस्था से शुरु हुआ सफर

गोविंद खारोल ने बताया कि उनको बचपन से ही विडियोग्राफी में लगाव था। शिक्षांतर संस्था में वह एक वर्कशॉप जॉइन करने के लिए गए थे। इस दौरान उन्हें फोटोग्राफी में भी दिलचस्पी बढ़ने लगी और फोटोग्राफी करने लगे। कैमरा चलाना बहुत चैलेजिंग काम था लेकिन जूनून होने के कारण वो भी सीख लिया। फिर धीरे-धीरे एनजीओ के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर काम करना शुरु किया। उन्होंने बताया कि वह आजीविका ब्यूरो, देहली यूथ एलाइंस के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने का काम कर चुके हैं। उन्होंने शिक्षा में बी.कॉम, एम कॉम और बी एड की डिग्री हासिल की हैं।

गोविंद बताते है कि फोटोग्राफी के साथ वह साइकिलिंग, रनिंग, ट्रेकिंग और कैंपेनिंग भी करते हैं। 2018 में गोविंद ने सबसे ऊंचे ट्रेक को साइकिल चलाकर फतह किया था। मनाली के लेह के खारदुंगला दर्रे तक का सफर साइकलिंग से कर चुके हैं। उदयपुर से बैंगलोर भी साइकिलिंग की हैं। वहीं हाल ही में 15 अगस्त पर उदयपुर से बासवांडा तक का सफर साइकिल द्वारा तय किया था। उनका कहना है कि वह उदयपुर को साइकिलिंग सिटी बनाना चाहते हैं।

जिंद जूनून से हासिल किया यह मुकाम- गोविंद

गोविंद कहते है कि हर इंसान में काबिलियत होती है, उसे यह सोच कर हार नहीं मानना चाहिए कि वो इस काम को नहीं कर सकता हैं। जोश और जूनून से हर वो मुकाम हासिल किया जा सकता हैं। दोनों हाथ नहीं होने के बाद भी यदि मैं सोच लेता तो आज यहां नहीं पहुंच सकता था। इसलिए उन लोगों से कहना चाहूंगा जो जल्दी हार मान जाते हैं और किसी मुकाम तक नहीं पहुंच पाते उन्हें लगातार प्रयास करने चाहिए सफलता एक दिन उनके कदमों में होगी।

बिंदास गोविंद ग्रुप से जुड़े कई लोग

गोविंद को शहरवासी बिंदास गोविंद के नाम से जानते हैं। उन्होंने अपने ग्रुप का नाम बिंदास रखा जिससे कई लोग जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप के द्वारा वह लोगों को साइकिलिंग,ट्रैकिंग कैपेनिंग, फोटोग्राफी सिखाते हैं। ग्रुप से अभी तक 1000 से अधिक लोग जुड़े हैं।

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