उदयपुर। गणेश चतुर्थी के मौके पर शहर में मंगलवार को जगह—जगह भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना की गई। इससे पहले शहर के कई जगहों पर भक्त प्रतिमाओं को खरीदते व पूजा अर्चना कर अपने घरों के साथ—साथ पांडालो में ले जाते दिखे। वहीं बोहरा गणेशजी मंदिर में इस मौके पर हजारों भक्तों ने दर्शन किए।
प्रतिवर्ष लगने वाले गणेश चतुर्थी के मेले में इस बार लोगो की अच्छी खासी भीड रही। दोपहर बाद बारिश का दौर थमने से मेले में अच्छी खासी रौनक दिखाई दी। बोहरा गणेशजी के यहां लगने वाले मेले को लेकर लोगों में उत्सुकता रहती हैं। बोहरा गणेशजी मंदिर में गणेशजी का विशेष श्रृंगार किया गया। यहां पर अलसुबह से ही भक्तों की भारी भीड जमा हो गई। इसके बाद दिन भर भक्तों का मंदिर के बाहर तांता लगा रहा।
मंदिर में दर्शनों के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। मंदिर के बाहर की गई बेरिकेटिंग की व्यवस्था से भक्तों ने कतारबद्व होकर दर्शन किए। इसके अलावा मंदिर में पुजारी परिवार की और से विशेष भोग लगाने की व्यवस्था की गई। इसके अलावा शहर के अन्य गणेश मंदिरो में भी भक्तों ने श्रीगणेशजी के दर्शन किए। झाडा गणेशजी, दूधिया गणेशजी सहित शहर के अंदरूनी इलाको में बने गणेश मंदिरों में भक्तों की अच्छी खासी भीड रही।
दिन भर घरों सहित पांडालो में हुई मूर्ति स्थापना
गणेश चतुर्थी के मौके पर सुबह से लेकर शाम तक अलग—अलग शुभ मुर्हत में भक्तों ने अपने घरों के साथ—साथ, कार्यालयों सहित पांडालों में मूर्ति स्थापना की। भक्त ढोल नगाड़ों के साथ मूर्तियों को लेने पहुंचे। इसके बाद विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद मूर्ति लेकर आए। मंगलवार को सुबह बारिश का दौर होने के बाद भी भक्तों में अच्छा खासा उत्साह देखने को मिला ओर भक्त बारिश में ही बप्पा की मूर्ति लेने पहुंच गए। अब मूर्ति स्थापना के साथ ही घरों सहित पांडालो में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी और अंनत चतुदर्शी को मूर्ति विसर्जन किया जाएगा।
पांडालो में होगें विभिन्न प्रकार के आयोजन
शहर सहित पूरे जिले में अलग—अलग जगहों पर भक्तों ने पांडाल बनाकर भगवान श्री गणेशजी की मूर्ति स्थापना के साथ ही 10 दिन तक विभिन्न आयोजन होगें। कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की
बोहरा गणेशजी मंदिर में प्रशासन की और से किए गए पुख्ता इंतजाम
शहर के बोहरा गणेश जी मंदिर में गणेश चतुर्थी के मौके पर हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन की और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। मंदिर के बाहर और मेले में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के जवानों को तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की कोई अव्यस्था नहीं हो।