मुआवजा सहित नौकरी की मांग पर अडे परिजन, हत्या के पीछे जादू—टोना बताया जा रहा हैं कारण
सलूंबर जिले के अदवास गांव में घर में बैठे टीचर की तलवार से गर्दन काटकर हत्या करने के मामले में 36 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हुए हैं। इधर हत्या करने वाले आरोपी की भी मौत के बाद भी शिक्षक शंकरलाल के परिजन ओर ग्रामीण परिवार को सरकारी मदद सहित अन्य मांगो को लेकर उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में डटे हुए हैं। शिक्षक के परिवार को न्याय दिलाने के लिए समाज के लोगों की माने तो जब तक मुआवजा और मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिलती तब तक किसी भी सूरत में उसका पोस्टमार्टम नहीं होने देगें। शनिवार को भी एमबी अस्पताल में समाजजन बड़ी संख्या में जुटे हुए है और उन्होंने मॉर्च्युरी के बाहर की तरफ ही डेरा डाल रखा है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात कर रखा है। इस मामले में शुक्रवार को चली समझाइश का कोई परिणाम नहीं निकला। शनिवार को एक बार फिर समाजजनों ने साफ किया कि समय कितना ही लग जाए लेकिन वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
यह है पूरा मामला
गुरुवार रात को टीचर शंकरलाल मेघवाल (40) की उसके दोस्त फतह सिंह (30) ने गला काटकर हत्या कर दी थी। इस दौरान बेटे को बचाने आए पिता डालचंद मेघवाल (60) पर भी हमलावर ने ताबड़तोड़ वार किए। हमले में पिता का हाथ कट गया। उनका उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। शाम को जंगल में आरोपी फतह सिंह ने भी जंगल में खुद के गले में तलवार लगा दी। खून से लथपथ फतहसिंह के नजदीक पहुंची पुलिस ने उसे लालच देकर पास बुलाया और अस्पताल लेकर आए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। टीचर की हत्या के पीछे जादू-टोना को कारण बताया जा रहा है। इधर, आरोपी फतह सिंह का शव भी उसी मॉर्च्यूरी में रखा गया है।