उदयपुर। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग में विगत बरसों में हुए भ्रष्टाचार के मामलों में कार्यवाही के नाम पर लिपापोती का आरोप लगाते हुए 25 अगस्त से धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता युनुस चौपदार का धरना सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा।
धरने पर बैठे चौपदार ने कहा कि इन भ्रष्टाचार के मामलों में की गई कमाई का बडा हिस्सा विभाग के मंत्री अर्जुन बामणिया व संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट को पहुंचाया गया हैं। मंत्री बामणिया ने स्वयं के कार्यालय से राजेंद्र भट्ट को डिजायर भेजकर अनुशंसा कर राजेश जैन को स्वच्छ परियोजना के परियोजना प्रबंधक के पद पर बैठाया ताकि ज्यादा से ज्यादा माल बटोर सके। चौपदार ने कहा कि अगर इन घोटालों की जांच उच्चस्तरीय एजेंसियों से करवाई जाये तो इसकी आंच से मंत्री बामणिया व आयुक्त राजेंद्र भट्ट स्वयं को नहीं बचा पायेंगे।
चौपदार ने मंत्री बामणिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री ने अपने खास बुद्वीसागर उपाध्याय को विभाग मे उपनिदेशक शिक्षा के पद पर लगवाकर एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कुलों की सामग्री खरीद मे भारी भ्रष्टाचार करवाया। लगभग 70-75 टेंडरों की स्टेट पब्लिक प्रिक्योरमेंट पोर्टल भी विज्ञप्ति भी जारी नहीं की गई। मंत्री के खास बुद्वीसागर उपाध्याय को बचाने के लिए शिकायत के बाद जांच के दौरान बिना कोई कार्यवाही किये उपाध्याय को विभाग से कार्यमुक्त कर मूल विभाग मे भेज दिया गया।