आदिवासी अंचल में विकास का दावा करने वाली गहलोत सरकार की पोल उस समय खुल जाती हैं जब स्कूली बचे अपनी जान का जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त पुलिया से स्कूल जाने को मजबूर होते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया उदयपुर जिले के सराड़ा पंचायत समिति के बंडोली गांव का।
बच्चों को घुटनों तक नदी के पानी के बीच होकर गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि तेजी से नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है, वहीं लंबे समय से आसपास के ग्रामीण इस नदी में क्षतिग्रस्त पुल को दुरस्त कराने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं, बावजूद इसके अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है, जिसके चलते स्कूली छात्रों के साथ साथ गांव वाले भी जान जोखिम में डाल इस नाला को पारकर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
बंडोली गांव से बाईपास डिगरी जयसमंद मार्ग के बीच डामर सड़क बनाया गया है, और इस रोड के बीच एक नदी गुजरती है, जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों ने लंबे समय से इस पुल को ऐसे ही छोड़ दिया है, जिस वजह से बारिश के मौसम में यह पुल लबालब पानी से भरा हुआ रहता है, और नदी में बाढ़ आ जाती है, कई बार गांव के ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से इस नाले में पुल बनाने की मांग की है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं।
स्कूली बच्चों का कहना है कि, स्कूल जाने के लिए केवल यह एक ही रास्ता है, ऐसे में मजबूरन उन्हें पुल को पार कर ही स्कूल जाना पड़ता है, कई बार जब नदी में जलस्तर बढ़ जाता है, तो कई दिनों तक इस क्षेत्र के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं, हालांकि जिम्मेदार बारिश से पहले दुरुस्त कर देते हैं, लेकिन सही निर्माण नहीं होने से, बारिश आते ही पुल वापस क्षतिग्रस्त हो जाता है, और स्थिति पहले जैसी हो जाती है, अगर जिम्मेदार विभाग इसका सही निर्माण करे तो, पुल की स्थिति यह नहीं होती।