उदयपुर। नगर निगम इन दिनों नगरीय विकास कर जमा नहीं करवाने वाले प्रतिष्ठानों के संचालको व मालिकों के खिलाफ सख्ती बरत रहा है। नगर निगम के राजस्व विभाग ने शनिवार को छुट्टी होने के बावजूद एक साथ नौ अलग—अलग प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए प्रतिष्ठानों को सीज किए। नगर निगम की टीम छुट्टी के दिन सुबह 8 बजे ही काम पर लग गई और पूर्व में दिए गए नोटिस का जवाब नहीं देने वाले प्रतिष्ठानों के मालिकों के खिलाफ कार्यवाही को अंजाम दिया। जिन प्रतिष्ठानों को सीज किया गया उनका लाखों रूपए कर के रूप में निगम में बाकी चल रहा था।

कुछ प्रतिष्ठान इसमें ऐसे भी शामिल है जिनका पिछले 8 से 10 साल का नगरीय विकास शुल्क बाकी था। नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश ने बताया कि निगम की ओर से नगरीय विकास शुल्क को लेकर बरती जा रही सख्ती आगे भी जारी रहेगी। खास बात यह है कि प्रतिष्ठान संचालक नगर निगम की और से भेजे गए सभी नोटिसों की अनदेखी कर रहे थे। ऐसे में निगम की राजस्व विभाग की टीम ने सख्ती दिखाते हुए इस कार्यवाही को अंजाम दिया है।
इन प्रतिष्ठानों को सीज किया गया
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि गोवर्धन विलास में प्रेम प्रकाश लबाना के तिरूपति ट्रैक्टर शोरूम का निगम में 2,71,717 रूपए टैक्स बाकी है। इनका प्रतिष्ठान सीज किया गया। सर्वऋतु विलास में व्यावसायिक ऑफिस का 3,26,483 रूपए नगरीय विकास शुल्क बाकी था। इसके लिए निगम ने रमेश कुमार पेहलवानी को नोटिस दिया लेकिन जबाव नहीं देने पर सीज की कार्यवाही की गई।
हैंडीक्राफ्ट मार्केट का कुल 12 लाख रूपए से अधिक यूडी टैक्स बकाया था। इसमें दूधतलाई के पास हैंडी क्राफ्ट मार्केट सहित पांच दुकानों को सीज किया गया। खास बात यह है कि नगर निगम ऑफिस के ठीक पास टाउनहॉल लिंक रोड पर शिव इलेक्ट्रॉनिक का 2,65,278 रूपए टैक्स बाकी था। अशोक पाहुजा को नोटिस दिया लेकिन टैक्स जमा नहीं करवाने पर शोरूम को सीज कर दिया गया।
इधर एमबी कॉलेज के सामने सुजुकी शोरूम का व्यावसायिक परिसर का पांच लाख से अधिक टैक्स बाकी होने से इसको भी सीज किया गया। सुंदरवास मेन रोड पर गौरव प्लाईवुड का करीब दो लाख रूपए टैक्स बाकी होने पर अशोक जैन, रंगलाल जैन को नोटिस दिया लेकिन टैक्स जमा नहीं करवाने पर प्रतिष्ठान को सीज किया गया।