उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर मंगलवार को अधिवक्ता स्वैच्छिक अवकाश पर रहते हुए न्यायिक कार्यो का बहिष्कार किया और न्यायालय परिसर में इकठ्ठा होकर केन्द्र और प्रदेश की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उदयपुर बार एसोसिएशन और मेवाड वागड हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के बैनर तले अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में इकठ्ठा होने के बाद अपना विरोध दर्ज करवाया। उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा ने बताया कि विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने जिस तरह से बीकानेर में वर्चुअल हाईकोर्ट बैंच की घोषणा की। उससे यह साफ है कि मेघवाल ने उदयपुर में आग भड़काने का काम किया हैं।
उन्होंने बताया कि बीकानेर में हाईकोर्ट बैंच की मांग एक दशक से चली आ रही हैं जबकि उदयपुर में यह मांग चार दशक पुरानी हैं। इसके अलावा उदयपुर आदिवासी अंचल होने से यहां पर संविधान के अनुसार भी यहां पर हाईकोर्ट बैंच होनी चाहिए लेकिन सरकार के नकारात्मक रवैये की वजह से अभी तक यहां के लोग वंचित हैं। उन्होने कहा कि जिस तरह से मेघवाल ने अपनी लोकसभा का ध्यान रखते हुए बीकानेर के लोगों को सौगात दी हैं उसी तरह मेवाड के लोगों को भी सौगात मिलनी चाहिए।
उन्होनें बताया कि एक प्रतिनिधि मंडल विधि मंत्री से मुलाकात करेगा ताकि यह पता चल सके कि मेवाड में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर उनका क्या सोचना हैं। राकेश मोगरा ने कहा कि मंत्री का रवैया सकारात्मक नजर आया तो ठीक ऐसा नहीं होने पर नई रणनिति के साथ उग्र ओदालन किया जाएगा।