राजस्थान रोडवेज के हालात सुधारने के लिए एमडी की पहल: चालक परिचालक सहित कर्मचारियों के लिए बनेंगे नए प्रावधान, गलती होने पर हो सकेगी अनुशासनात्मक के साथ कानूनी कार्यवाही
राजस्थान रोडवेज के हाल इन दिनों खस्ताहाल हैं। बसों की खराब हालात के साथ रोडवेज में बसों की कमी भी चल रही हैं। ग्रामीण इलाकों में तो और भी स्थिति दयनीय बनी हुई हैं कई प्रमुख मार्ग तो ऐसे हैें जिन पर बस का संचालन ही नहीं किया जा रहा हैं। वहीं जिन रूटों पर बसों का संचालन हो रहा हैं वहां पर भी रोज़ाना कुछ न कुछ समस्याएं आ जाती हैं। इसके साथ ही चालक और परिचालक भी नियमों का पालन नहीं करते हैं इसलिए भी बसों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आ रहा हैं और रोडवेज बसें हादसों का शिकार होती जा रही हैं। इसी को लेकर राजस्थान रोडवेज के एमडी ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। अब से रोडवेज बसों में चालक और परिचालक को लेकर सख्त नियम अपनाएं जाएंगे।
- प्रत्येक चालक/ परिचालक को मार्ग पर भेजते समय/ मार्ग पर ब्रेथ ऐनेलाइजर से परीक्षण अनिवार्य रुप से लागू किया जाएगा।
नशे करने वाले कर्मचारी को ड्यूटी पर नहीं भिजवाया जाए, साथ ही उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाए। - 50 साल से अधिक आयु के चालकों का साल में दो बार नेत्र एवं शारीरिक परीक्षण अवश्य करवाया जाए।
एजेन्सी के माध्यम से चालकों को अनुबंध पर लेते समय उनका सही प्रकार से परीक्षण हो, इसके बाद वाहन संचालन योग्य पाए जाने की स्थिति में ही अनुबंध पर रखा जाए। - प्रत्येक चालक से अनिवार्य रुप से चालक सीट बेल्ट का उपयोग कराया जाना सुन्श्चित किया जाए।
- किसी भी स्थिति में फिटनेस सहित वाहन को मार्ग पर संचालन हेतु नहीं भेजा जाए।
- लक्ष्य के अनुरुप चालकों को प्रशिक्षण के लिए चालक प्रशिक्षक संस्थान केन्द्रीय कार्यशाला अजमेर में भिजवाया जाए।
- चालक को समय-समय पर उचित विश्राम दिया जाए, ताकि चालक तनावमुक्त होकर वाहन चला सके।
- वाहन संचालन के दौरान चालकों द्वारा मोबाइल स्वीच ऑफ रखने की प्रक्रिया को सख्ती से अपनाया जाए।
बता दे कि सड़क हादसों में कमी लाने और बसों की दयनीय स्थिति में सुधार करने के लिए रोडवेज के नए एमडी की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। यदि इन सभी नियमों की सख्ती से पालना की जाएगी तो रोडवेज बसों की हालात में सुधर आ सकता हैं। क्योंकि बीते दिनों सड़क हादसों से काफी नुकसान हुआ हैं लेकिन बसों की स्थिति में सुधार तभी आएगा जब गैर जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएगें नहीं तो इस रोडवेज को निजी हाथो में जाने से कोई नहीं रोक सकता हैं।