उदयपुर, 13 अक्टूबर। उदयपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वेटलैंड सिटी नामित कराने तथा मेनार को रामसर साइट में शामिल कराने के प्रस्तावों पर रोडमैप तैयार करने के लिए राज्य वेटलैंड प्राधिकरण तथा वन विभाग उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को होटल ट्राइडेंट में परामर्शदात्री कार्यशाला आयोजित हुई।
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग राजस्थान सरकार की संयुक्त शासन सचिव मोनाली सेन, जिला कलक्टर उदयपुर अरविंद कुमार पोसवाल, नगर निगम उदयपुर आयुक्त वासुदेव बालावत, मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आर के जैन के आतिथ्य में हुई कार्यशाला में मेनार को रामसर साइट एवं उदयपुर को वेटलैंड सिटी बनाने के लिए रोडमैप तैयार किया गया और जल्द ही इसे पूरा कर सरकार को सौंपने का निर्णय लिया, ताकि दोनों कामों को जल्द पूरा किया जा सके। इससे विश्व पटल पर उदयपुर और मेनार को नया आयाम मिल सके।
कार्यशला में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल और वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव सुजीत कुमार वाजपाई ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर उदयपुर शहर को रामसर वेटलैंड सिटी के रुप में विकसित किए जाने के लिए महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए। प्रारंभ में वन विभाग उदयपुर मंडल के उप वन संरक्षक (उत्तर) अजय चित्तौड़ा ने स्वागत करते हुए सभी तकनीकी पहलुओं, किए गए विकास कार्यों और प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया। वेटलैंड डिवीजन के वैज्ञानिक डॉ एम रमेश, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, रीजनल ऑफिसर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल शरद सक्सेना, वेटलैंड इंटरनेशनल,डब्लू डब्लू एफ इंडिया, बी एन एच एस मुंबई के प्रतिनिधि ने भी सुझाव दिए।
पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने पर्यटन के रुप में उदयपुर और झीलों के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में उप वन संरक्षक उदयपुर सुगनाराम जाट, उप वन संरक्षक वन्यजीव अरुण कुमार डी., डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.- इंडिया निदेशक वेटलैंड एवं रिवर नितिन कौशल सहित विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। संचालन पर्यावरण सलाहकार शार्दुल कोठारी ने किया।