उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर अधिवक्ता एक बार फिर सड़कों पर उतरने वाले हैं। अधिवक्ताओं ने इस बार आमजन को जोड़ने के लिए जुलाई में एक सम्मेलन करने का फैसला किया हैं तो वहीं दूसरी और अधिवक्ताओं ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेस में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को भोला बताते हुए कहा कि उनके द्धारा ढंग से पैरवी नहीं की गई इसकी वजह से चार दशक बाद भी उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना नहीं हो सकी।
उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना को लेकर 4 दशकों से चला आ रहा आंदोलन अनवरत जारी हैं। मंगलवार को मेवाड़ वागड़ हाईकोर्ट संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेस कर इस आंदोलन को गति देने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे कई कारण रहे जिसकी वजह से अधिवक्ताओं के इस आंदोलन को सफलता नहीं मिली तो वहीं दूसरी और समिति के संयोजक रमेश नंदवाना ने कहा कि जब अन्य राज्यों में एक से अधिक हाईकोर्ट बैंच और सर्किट बैंच हो सकती है तो उदयपुर में क्यों नहीं।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा ने बताया कि यहां के जनप्रतिनिधियों की पैरवी में कमी रही। बिहार सहित कई अन्य राज्यों में जिस तरह से रेलवे कार्य कर रहा हैं यह उनके जनप्रतिनिधियों की देन हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 7 जून को आंदोलन को गति देने के क्रम में पटेल सर्कल से मौन जुलुस निकाला जाएगा। इसमें अधिवक्ता हाथ पर काली पट्टी बांधकर चलेगें और जिला कलेक्ट्री पर पहुंचने के बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद निरन्तर इस आंदोलन को बढ़ाने की दिशा में कार्य होगा।