लोकसभा चुनाव में इस बार 400 पार का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कभी भी आ सकती हैं। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नामों पर मंथन जारी हैं। हांलाकि पहली सूची में वे नाम घोषित किए जाएगें जिनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा हैं लेकिन भाजपा इस चुनाव के लिए जारी करने वाली सूची से सभी को चौंका सकती हैं।
मेवाड की बात करे तो यहां से चार लोकसभा सीटे आती हैं। जिनमें सबसे पहले चित्तौड़गढ़ सीट पर नाम की घोषणा हो सकती हैं। भाजपा के सूत्रों की माने तो पार्टी एक बार फिर चित्तौड़गढ से सीपी जोशी को मैदान में उतार सकती हैं। लगातार दो बार सांसद रहने साथ ही प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी सरकार बनाई थी। परिणाम स्वरूप एक बार फिर पार्टी आलाकमान सीपी जोशी को मौका दे सकता हैं।
राजसमंद सीट पर रहेगी सभी की नजरे
मेवाड की राजसमंद लोकसभा सीट पर इस बार सभी की नजर रहने वाली हैं। सांसद दीया कुमारी को विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने के बाद यहां पर सीट खाली हो गई हैं। राजसमंद से टिकट मांगने वालो की लिस्ट बहुत लम्बी हैं लेकिन पार्टी यहां पर किसी दिग्गज नेता को चुनाव मैदान में उतार सकती हैं। सूत्रों की माने तो राजेन्द्र राठौड़ को पार्टी यहां से प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतार सकती हैं। ऐसा होता है तो दीया कुमारी की तरह राजेन्द्र राठौड़ भी बाहरी प्रत्याशी के तौर पर यहां से चुनाव लडेंगे।
बांसवाड़ा—डूंगरपुर सीट पर बदला जा सकता है प्रत्याशी
बांसवाडा—डूंगरपुर सीट वागड के दो जिलों को कवर करती हैं। यहां पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बाप पार्टी का बोलबाला रहा था। हांलाकि वर्तमान में सांसद कनकमल कटारा भाजपा से है लेकिन अन्य पार्टियों के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए पार्टी यहां पर अपना प्रत्याशी बदल सकती हैं। भाजपा आला कमान पहले ही यह तय कर चुका है कि राजस्थान में करीब 10 सांसदो को बदला जा सकता है। ऐसे में यहां से महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती हैं। मालवीय की वागड क्षेत्र में अच्छी पकड़ है और हाल ही में कांग्रेस से नाराज होकर मालवीय ने भाजपा का दामन थामा हैं।
उदयपुर लोकसभा सीट पर कौन होगा प्रत्याशी, बना हुआ है संशय
उदयपुर लोकसभा सीट एसटी हैं। यहां से लगातार दो बार सांसद रहे अर्जुनलाल मीणा को इस बार पार्टी चुनाव मैदान में उतारे इसके आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं। मीणा की तबियत ठीक नहीं होने से उन्हे इस बार मौका मिलता नहीं दिखाई दे रहा हैं। डूंगरपुर—बांसवाडा सीट की तरह यहां पर भी प्रत्याशी के बदले जाने की चर्चा जोरों पर हैं। ऐसे में पार्टी के कई नेता कतार में दिख रहे है लेकिन इस सीट पर टिकट उसे ही मिलेगा जिसको गुलाब चंद कटारिया का आशीर्वाद मिलेगा।