अरब सागर में उठा साइक्लोन बिपरजॉय रफ्तार से गुजरात की ओर बढ़ रहा है। एक दिन पहले तक इसकी गति करीब 8 किमी प्रति घंटे थी, जो मंगलवार को 12 किमी प्रति घंटे हो गई। ऐसे में यह १५ जून यानी गुरुवार तक गुजरात के तटीय जिले सौराष्ट्र और कच्छ तक पहुंचकर अपने नाम के मुताबिक तबाही मचा सकता है। इस तूफान ने कच्छ से करीब 700 किमी उदयपुर तक चिंता बढ़ा दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस तूफान के असर से उदयपुर और जोधपुर संभाग में 3 दिन मौसम खराब रहेगा। शुरुआत गुरुवार दोपहर से हो जाएगी। शुक्रवार को आंधी के साथ तेज बारिश होगी। तीसरे दिन तूफान का असर कुछ कम पड़ सकता है। अलर्ट को देखते हुए प्रशासन और आपदा विभाग भी कमर कस रहा है।
मौसम विभाग (आईएमडी) के मुतबिक बिपरजॉय 125 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात के तट से टकराएगा। वहां 13 जून के लिए येलो अलर्ट, 14 को ऑरेंज और 15 जून के लिए रेड अलर्ट है। यह तूफान 16 जून को कमजोर होकर दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करने की गुंजाइश है। इसके असर से जोधपुर व उदयपुर संभाग के जिलों में आंधी-बारिश की गतिविधियां एक दिन पहले ही शुरू हो जाएंगी।इन संभाग के जिलों में शुक्रवार को कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं।
दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में हवाओं की गति 45-55 से 65 किमी प्रति घंटे तक रह सकती है। 17 जून को भी इस सिस्टम का असर उदयपुर, जोधपुर व अजमेर संभाग के साथ करीबी हिस्सों में भारी बारिश के रूप में दिख सकता है। पूर्वानुमानों को देखते हुए एसडीआरएफ की टीमों के साथ शहर का आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट मोड पर है।
सुझाव : छोटी, लेकिन ध्यान देने की बड़ी बातें
-घने बादल और तेज हवा में बिना इमरजेंसी घर से नहीं निकलें
-घर के पास टिन-सीमेंट शेड या वे भारी सामान को खुले में न छोड़ें
-मौसम के रंग देखते ही यह तय कर लें बच्चे और बुजुर्ग घर में हैं
-कैसे भी मौसम विभाग की चेतावनी-सूचनाओं पर नजर रखें
-पहले ही यात्रा पर हैं और तूफान की सूचना है तो रुक जाएं
-दो या तीन दिन के लिए खाने का सामान स्टॉक करके रख लें
-पीने के पानी की पर्याप्त उपलब्धता तय कर लें
-इमरजेंसी के लिए मेडिकल किट रख लें
-संभव हो तो घर की बिजली बंद रखें, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस न खोलें। ये आसमानी बिजली को आकर्षित कर सकते हैं
-पाइप लाइन या वे पाइप न छुएं, जिनमें बिजली दौड़ती हो
-अगर खुले में हैं तो पेड़ के नीचे या पास खड़े न हों
-कार में हवा के बीच फंसे हैं तो बाहर न निकलें। हवा हल्की होने का इंतज़ार करें।