उदयपुर। राज्य सरकार की ओर से नगर निगम के परिसीमन में कुल 48 गांवो को शामिल करने के बाद ग्राम पंचायत कानपुर, मटुन सहित आसपास की पंचायतों में विरोध देखने को मिल रहा है। सरकार की ओर से जारी आदेश के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सोमवार को कानपुर सहित आसपास के पंचायतों में दुकानों को बंद करने के बाद सैकड़ो ग्रामीण जिला कलेक्ट्री पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। कानपुर के पूर्व उपसरपंच मदनलाल डांगी ने बताया कि सरकार और प्रशासन ने ग्रामीणों को बिना जानकारी व प्रस्ताव में लिए ही नगर निगम के परिसीमन में शामिल कर लिया है। कानपुर खरबडिया सहित 12 गांवो का क्षेत्र ग्रीन बेल्ट, वेटलैंड एरिया में है, यहां पर नगर विकास प्रन्यास की ओर से भी कोई विकास कार्य नहीं करवाए गए है।

ग्रामीणों ने कहा कि वे पंचायतीराज से खुश हैं। नगर निगम में लेने से पशुपालक किसान खेती और मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। वहीं टीएसपी पूर्णतया खत्म होने का अंदेशा है। हमारे गांव में अभी तक कोई बड़ी कॉलोनी या शहरीकरण की कोई आवश्यकता पड़े ऐसी कोई जरूरत नहीं है फिर भी प्रशासन की ओर से इन गांवो को नगर निगम की सीमा में शामिल कर दिया गया है। कुछ ग्रामीणों ने आरोप भी लगाया कि ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा का उदासीनता रवैया हजारों लोगों के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। ग्रामीणों ने विरोध के बाद चेतावनी दी है कि अगर परिसीमन में बदलाव नहीं किया जाता है तो आगे बडे स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
नेशनल हाइवे 76 को बंद करेंगे, भूख हडताल व अनशन का रास्ता अपनाएगें
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार अगर अपनी हठधर्मिता नहीं छोडती है तो जल्द ही नेशनल हाइवे को जाम किया जाएगा। साथ ही वहां पर जानवरों को छोड दिया जाएगा। इसके अलावा जिला कलेक्ट्रेट पर टैक्ट्रर से कूंच की जाएगी ताकि शहर की यातायात व्यवस्था बाधित हो सकें। इसके बाद प्रशासन की नींद खुल जाए।
ग्रामीणों ने कानपुर में सभी दुकानों को बंद रखा
ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन के चलते सबसे पहले अपनी दुकानों को बंद कर विरोध दर्ज करवाया। इसके बाद ग्रामीण कानपुर बस स्टेंड पर इकठ्ठा होकर जिला कलेक्ट्री पहुंचे। इससे पहले ग्रामीणों ने मार्ग में राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।