प्रतापगढ़। धरियावद कस्बे में आईसीआईसीआई बैंक में मैनेजर द्वारा किए गए करोड़ों रुपए के गबन के मामले में पुलिस ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। मामले में पुलिस ने 62 बैंक खातों को फ्रीज कर 62 लाख रुपए से ज्यादा की राशि होल्ड करवाई है साथ ही 46 लाख रुपए की नगदी भी बरामद की है।
इस मामले में पुलिस ने बैंक मैनेजर और उसके साथी उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर रहे जालमचंद जैन को गिरफ्तार कर चुकी है जो फिलहाल पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं। इस मामले में एसपी अमित कुमार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
प्रतापगढ़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने आईसीआईसीआई बैंक गबन मामले का खुलासा करने के लिए आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि 6 फरवरी को बैंक के रीजनल हेड मनोज बहरानी द्वारा प्रकरण दर्ज करवाया गया था कि धरियावद शाखा के ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा निवेशकों की एफडी और केसीसी पर फर्जी तरीके से ओवरड्राफ्ट बनाकर राशि निकाल ली गई है और खाता धारकों के मोबाइल नंबर भी बदल दिए गए। यह राशि 2 करोड रुपए से भी ज्यादा हो सकती है।
इस पर पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और मैनेजर प्रशांत काबरा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वारदात करना कबूल कर लिया। इस पर पुलिस ने काबरा को रिमांड पर लेकर पुछताछ शुरू की तो सामने आया कि कुछ समय पहले उसने बैंक द्वारा दिए गए टारगेट को पूरा करने के लिए उदयपुर निवासी जालमचंद जैन के एफडी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट बनाकर राशि निकाली थी जिसकी जानकारी जैन को लग गई।
तभी से वह उसे ब्लैकमेल कर रहा था ।इस पर पुलिस ने जालमचंद जैन को भी गिरफ्तार कर रिमांड पर ले रखा है। पूछताछ में सामने आया कि खाता धारकों की एफडी और केसीसी पर ओवर ड्राफ्ट बनाकर बैंक मैनेजर अपनी पत्नी दीपिका काबरा, जालमचंद जैन, उसकी पत्नी मंजुला जैन ,बेटे राकेश जैन और उसकी फर्म पूजा कंस्ट्रक्शन सहित अन्य के खातों में लाखों रुपए हस्तांतरित कर चुका है।
जांच में यह भी सामने आया कि जालमचंद जैन ने गबन की इस राशि से उदयपुर नाथद्वारा रोड पर एक आलीशान फार्म हाउस खरीदा। जिस पर आज विनायक रिसोर्ट बना हुआ है। पुलिस अब इस गबन की राशि को वसूलने के लिए रिसोर्ट को अटैच करने की कानूनी प्रक्रिया भी कर रही है। एसपी अमित कुमार ने बताया कि गबन की मुख्य वजह बैंकों द्वारा अपनी साख में बढ़ोतरी के लिए अधीनस्थ कर्मचारीयों और अधिकारियों को दिए जाने वाले टारगेट मुख्य वजह है ।
जांच के दौरान बैंकिंग सिस्टम की कई खामियां भी उजागर हुई है। पुलिस ने फिलहाल 62 बैंक खातों को फ्रिज करवा कर 62 लाख 71 हजार रुपए की राशि होल्ड करवाई है तथा जालमचंद और उसके सहयोगियों की निशानदेही पर 46 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं।
जालमचंद जैन उदयपुर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है जिस पर 19 से ज्यादा संगीन अपराधिक प्रकरण दर्ज थे। गौरतलब है कि मामले का सबसे पहले 4 फरवरी को उस समय खुलासा हुआ जब भूपेश रोत नाम के एक निवेशक के केसीसी खाते से 32 लाख रुपए की राशि ओवरड्राफ्ट करके उड़ाई गई और उसने बैंक के उच्च अधिकारियों से इस बात की शिकायत की।
भूपेश के बाद कई अन्य निवेशक भी बैंक में शिकायत लेकर पहुंचने लगे थे। फिलहाल पुलिस रिमांड पर चल रहे बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा और जालमचंद जैन से पूछताछ में जुटी हुई है।