देश के विभिन्न राज्यों की आदिम संस्कृति का संगम उदयपुर में देखने को मिलेगा। आगामी सितम्बर माह में प्रस्तावित राष्ट्रीय आदिवासी युवा महोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त ताराचंद मीणा ने गुरूवार को आयोजन की तैयारियों को लेकर बैठक ली। इसमें आदिवासी युवा महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत राजस्थान युवा बोर्ड द्वारा आगामी सितंबर माह में उदयपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी युवा सांस्कृतिक महोत्सव 2023 आयोजित किया जाएगा। उसके सफल संचालन एवं व्यवस्थाओं को लेकर गुरुवार को राज्य के नोडल प्रभारी एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में आयुक्तालय सभागार में बैठक हुई। बैठक में आयुक्त मीणा ने बताया कि देश के जनजाति बाहुल्य विभिन्न राज्य छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मणिपुर, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश के प्रतिभावान युवा लोक कलाकार भाग लेंगे। साथ ही राजस्थान राज्य के उदयपुर, बांसवाडा, डूंगरपुर, बारां (किशनगढ शाहबाद), प्रतापगढ एवं सिरोही जिलों के युवा कलाकार तथा साहसिक खिलाडी भी अपना प्रतिनिधित्व करेंगे।
आयोजन को लेकर आयुक्त मीणा ने विस्तार से चर्चा करते हुए संबंधित विभागों को विभिन्न दायित्व सौंपे। आयुक्त मीणा ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य राज्य की युवा शक्ति को अन्य राज्यों की संस्कृति से रूबरू कराना है। आयुक्त मीणा ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है कि हमें इस प्रकार के राष्ट्रस्तरीय आयोजन का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने सभी को मिलकर इस राष्ट्रस्तरीय आयोजन को सफल बनाने के निर्देश दिए।
दो दिन उदयपुर, एक दिन डूंगरपुर में होंगे कार्यक्रम
आयुक्त मीणा ने बताया कि 3 दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी युवा सांस्कृतिक महोत्सव 2023 में प्रथम दिवस उदयपुर, द्वितीय दिवस डूंगरपुर तथा तृतीय दिवस फलासिया (उदयपुर) में कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं। इसमें परम्परागत खेल, विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, खुला सत्र, चर्चाएं एवं जनजाति वर्ग के उत्थान के लिये अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
साथ ही जनजाति वर्ग के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की स्टॉल लगाई जाएगी। इसमें संबंधित विभाग तथा स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा जनजाति वर्ग के युवाओं हेतु संचालित योजनाओं का प्रदर्शन किया जायेगा। इस सबंध में आयुक्त ने संबंधित विभागों को अभी से तैयारियां सुनिश्चित करने एवं सौपें गये दायित्वों का भलीभंति निर्वहन करते हुए अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।