नाकाबंदी कर, कार का पीछा किया पर कार से मिली 100 एमएल कोडिन
उदयपुर। उदयपुर पुलिस ने एक सूचना के आधार पर नाकाबंदी की और एक कार का पीछा किया और इस कार से पुलिस को 100 एमएल की एक कोडिन की शीशी बरामद की।
मामला खैरोदा थाना क्षेत्र का है। थानाधिकारी धनपत सिंह को सूचना मिली कि एक कार में अवैध रूप से मादक पदार्थ परिवहन कर ले जाया जा रहा है। इस सूचना पर थानाधिकारी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने भटेवर में वासुदेव होटल के सामने हाईवे पर मंगलवाड से उदयपुर की तरफ जाने वाले रोड पर नाकाबंदी शुरू की। इस दौरान एक बाईक पर दो युवक आए, इस बाईक के पीछे एक कर आई, जिसमें चार व्यक्ति बैठे हुए थे। नाकाबंदी पोईन्ट से पहले रूके व बाईक चालक ने कार के चालक को हाथ से ईशारा किया व फिर दोनों ही गाडियों के चालकों ने अपनी-अपनी गाडियों को पुन: मुडा कर रोंग साईड से ही मंगलवाड की तरफ भागने लगे।
पुलिस टीम ने इस कार व बाईक का पीछा किया तो बाईक सवार दोनों युवक गायब हो गए। कार सवार लोगों ने कार को मेनारगढ होटल से आगे रूण्डेडा रोड पर खडी कर मौके से भाग गए। पुलिस ने आस-पास तलाशी ली पर पता नहीं चला। पुलिस ने कार की तलाशी ली तो कार के डेश बोर्ड में एक शीशी मिली। इस 100 एमएल शीशी में कोडिन भरा था। कार में से कागजात मिले, जिसमें कस्टमर का नाम प्रभुलाल औदिच्य निवासी ब्रह्मणों का मौहल्ला दरोली लिखा हुआ था। साथ ही तीन कागज मिले जिस पर पहले कागज पर जबर सिंह 1 लाख लिखा हुआ व दूसरे कागज पर कुल 17 लाख 35 हजार रूपए का हिसाब लिखा हुआ व तीसरे कागज पर मन्देरिया गमेर सिंह दरोली लिखा हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पेंशन दिलाने के बहाने महिलाओं से जमीन हड़पी
उदयपुर। जिले के पानरवा थाना क्षेत्र में एक महिला ने एक पिता-पुत्र के खिलाफ पेंशन दिलाने के बहाने रजिस्ट्री ऑफिस ले जाकर जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम पर करवाने का मामला दर्ज करवाया हैं।
पुलिस के अनुसार मोनडीबाई पत्नी सोमसिंह गरासिया निवासी आमडा पानरवा ने अर्जुनलाल पुत्र भीमराज गरासिया निवासी आमडा पानरवा, भीमराज पुत्र देवा गरासिया निवासी आमडा पानरवा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि करीब 5 साल पहले वह अपनी पुत्री यहां हीरूमाला गांव में थी। तब अर्जुनलाल गरासिया उसके पास आया और कहा कि तेरा भाई बीमार है और झाडोल अस्पताल में है। भाइ्र ने उसे मिलने बुलाया है। परिवादिया ने अर्जुनलाल की बात पर विश्वास कर उसके साथ झाडोल आ गई। अर्जुनलाल के पिता भीमराज गांव आमोड में रहने वाली उसकी बड़ी बहन लाली पत्नी खुमाणसिंह को बहला फुसला कर झाडोल ले आया।
यहां आ कर उसने अर्जुनलाल को अपने भाई से मिलाने को कहा तो अर्जुनलाल बोला उसकी अस्पताल से छुट्टी हो गई है और कहा कि झाडोल आई ही गई हो तो तुम दोनो बहनों के पेंशन के कागजात पूरे करवा देते हैं। यह कहकर परिवादिया और उसकी बहन लाली जो बहरी है को इशारों से समझाकर झाडोल तहसील के उपर पेंशन ऑफिस के पास वाले कमरे में ले गए। वहां कुछ कागजो पर अंगूठे करवाये और फोटो खींचवाये और कहां कि पेंशन फाईलें पूरी हो गई है।अभी कुछ दिन पहले उसके पीहर वालों से जानकारी हुई कि इन दोनो बहनों के नाम से जमीन के बिकाव की रजिस्ट्री हो जमीन अर्जुन पुत्र भीमराज गरासिया निवासी आमडा के नाम दर्ज हो गई हैं।
जबकि इन दोनों को यह भी नही मालूूम था कि पिता के मौत होने के बाद उनकी जमीन में इनका नाम खाते में दर्ज हुआ है क्यो कि ये अपने ससुराल में रहती है और पिता की जमीन भाई-भतीजे कमा रहे हैं। जानकारी करने पर मालूम हुआ कि अर्जुनलाल व इसके पिता भीमराज ने 5 साल पहले भाई बिमार होने का झांसा दे कर झाडोल लोकर पेंशन के कागजात के नाम से फर्जी विक्रय पत्र अर्जुनलाल के नाम का बनाया, जिसमें भीमराज गवाह बन गया और धोखें से अपने नाम रजिस्ट्री करा ली। भीमराज पूर्व वार्ड पंच था तो उस पर विश्वास कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
45 लाख उधार के बदले वसूले 1.80 करोड़, अभी भी मांग रहे लाखों रूपए
उदयपुर। शहर के कुराबड़ थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने कुछ लोगों के खिलाफ 45 लाख रूपए उधार देकर इसके एवज में 1 करोड़ 80 लाख रूपए लेने और अभी भी 50 लाख रूपए मांगने का मामला दर्ज करवाया है। आरोपियों द्वारा उसके द्वारा सिक्योरिटी के एवज में दिए गए चैक को अनादरित करवाने की धमकी दे रहे है।
पुलिस के अनुसार मांगीलाल सुधार पुत्र भंवरलाल सुधार निवासी जुड कुराबड़ ने मामला दर्ज करवाया कि उसको रूपयों की आवश्यकता होने पर उसने अपने कुछ मित्रों को कहा था। इस पर फरवरी 2020 में उसे आशीष मेनारिया नामक व्यक्ति का फोन आया और उसने मिलने के लिए डबीक चौराहे पर बुलाया, जहां पर वह गया तो वहां पर आशीष पुत्र ईश्वर साल मेनारिया निवासी खरसाण जिसके साथ एक व्यक्ति और था जिसने अपना नाम कॅबिन पुत्र मांगीलाल मेनारिया निवासी खरसाण बताया। दोनों व्यक्ति ने कहा कि वे 3 प्रतिशत प्रति सैंकड़ा प्रतिमाह की दर से ब्याज पर राशि उधार देते है। जिन पर उसके द्वारा आशीष से 2.25 लाख रूपए उधार लिए। उससे सिक्यरिटी के एवज में तीन हस्ताक्षरित खाली चैक व दो खाली हस्ताक्षरित स्टाम्प ले किलए। उसने आरोपी को चार माह तक ब्याज अदा किया गया तथा पांचवे माह में ब्याज चूक जाने पर आशीष ने उससे कहा कि वह उसे प्रतिदिन 7500 रूपए देगा।
उसने मूल राशी लौटाने के लिए समय मांगा तो वह 7500 रूपए प्रतिदिन पैनाल्टी के रूप में मांग पर अड़ा रहा और वह प्रतिदिन वह घर आकर उससे 7500 रूपए की मांग करता और जबरदस्ती डरा धमकाकर ले जाता। इस प्रकार आए दिन ये लोग घर आकर ऑनलाईन व नकद रूप से राशि ले जाते रहे। कछ दिनो बाद आरोपी उससे कहने लगा कि उसका परिचित है यह उसे वाजिब दर पर पैसा उधार दे देगा जिससे वह अपना कर्जा चुका सकता है। इस पर उसने उसकी मुलाकात दिपेश मेनारिया से करवाई और दिपेश मेनारिया से उसे 2.25 लाख रूपए दिए। इसके एवज में उससे हस्ताक्षरित दो खाली चैक व स्टाम्प लिए और वो राशि आशीष ने उससे ले ली। इसके बाद आरोप ने उससे कहा कि ये रूपये तो तेरे ब्याज की पनाल्टी में जमा हो गए है। अभी वह उससे 3.50 लाख रूपए लेना शेष है, जिसका भी उससे अलग से ब्याज देना होगा। कुछ दिन बाद उसे पता चला कि आशीष व दिपेश मेनारिया दोनों सगे भाई है। बार-बार ये दोनों कभी भी उसे रास्ते में पकड़ लेते, कभी घर आ जाते और डरा-धमकाकर हस्ताक्षर करवा खाली स्टाम्प व चैक ले लेते। यह कि दोनों भाई व केविन मेनारिया उसके घर आए दिन आते और उससे ब्याज व पैनाल्टी राशि की दोनों मांग करते और जबरदस्ती प्रतिदिन 5 हजार रूपए ले जाते रहे।
कुछ समय बाद केविन मेनारिया उसके पास आया और कहने लगा कि इन भाईयों का काम ही लोगों से रूपये ऐंठना और चार गुणा ब्याज एवं पैनाल्टी की राशि वसूलना है। उसने मुझे कहा कि उसकी पहचान के श्यामलाल मेनारिया पुत्र प्रभुलाल मेनारिया एवं राजकुमार से मिलवायाए जिस पर केविन ने 2.50 लाख रूपए श्यामलाल एवं राजकुमार से 1.25 लाख रूपए तीन टुकड़ों में दिलाए, जिस पर केविन ने उससे बैंक के दो हस्ताक्षरयुक्त बैंक खाली चैक एवं एक हस्ताक्षरित खाली स्टाम्प प्राप्त किया। श्यामलाल ने तीन चैक व एक खाली स्टाम्प प्रार्थी मांगीलाल सुथार ले लिया और श्यामलाल व राजकुमार ने विश्वास दिलाया कि ये रूपए आशीष एवं दिपेश को दे देना। उसने विश्वास कर आशीष एवं दीपेश को 3.25 लाख रूपए दे दिए, लेकिन इन दोनों ने चैक व स्टॉम्प नहीं लौटाए। प्रार्थी मांगीलाल सुथार इस गिरोह के चंगुल में फंस गया और वह इन लोगों को कई गुणा पैसा दे चुका है। मांगीलाल सुथार ने इस गिरोह को पैसा चुकान के लिए गांव की जमीन व पत्नी के जेवरात तक बेच दिए। इसके बाद भी ये लोग उसे लगातार परेशान कर रहे है।
आशीष मेनारिया उससे कार भी जबरन छीनकर ले गया। 16 अगस्त को आशीष एवं केविन ने उसे दरोली पुलिया के पास होटल ब्रिज पैलेस बुुलाया जब वह वहां गया तो पैसों की मांग को लेकर मारपीट की और उसका फोन तोड़कर बाईक छीनकर चले गए। आरोपियों ने उसकी पत्नी के खाते के चैक लेकर बुलवाया वह अपनी पत्नी को साथ लेकर रूपये लेकर आना, जिस पर अगले दिन में उसकी पत्नी वीणा सुथार की चैक बुक लेकर गया तो इन लोगों ने उसकी पत्नी के चार चैक व एक खाली स्टॉम्प ले लिया। आरोपियों से डर के मारे मांगीलाल सुथार ने 20 हजार रूपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद आरोपी प्रार्थी मांगीलाल सुथार के घर पहुँच गए और वहां पर जमकर हंगामा किया। आरोपियों ने प्रार्थी मांगीलाल सुथार के पिता से चार चैक व स्टॉम्प ले लिए। आरोपियों ने उसने 45 लाख रूपए लिए थे और इन 45 लाख रूपए के एवज में ब्याज व पैनाल्टी के नाम पर डरा-धमका कर मारपीट कर 1.80 करोड़ रूपए ले चुके है। अब प्रार्थी मांगीलाल सुथार से दिपेश 13 लाख रूपए, आशीष 10 लाख रूपए केविन 3 लाख रूपए तथा श्यामलाल व राजकुमार उससे 7 लाख रूपए मांगा जा रहा है। आरोपी अब उसके द्वारा दिए गए चैको को बाउंस करवाकर मुकदमें में फंसाने की धमकी दे रहे है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्लॉट के फर्जी दस्तावेज बनाकर 4.50 लाख रूपए हड़पे
उदयपुर। शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में एक महिला ने अपने रिश्तेदार सहित तीन के खिलाफ एक प्लॉट के फर्जी दस्तावेज बनाकर सौदा का 4.50 लाख रूपए हड़पने का मामला दर्ज करवाया है।
पुलिस के अनुसार पुष्पा लौहार पत्नी मांगीलाल लौहार निवासी दक्षिणी सुन्दरवास ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी पहचान 2021 में बुआ के पौते चेतन लौहार पुत्र देवीलाल लौहार निवासी चंद्रा कॉलोनी सूर्या गैस गोदाम के पीछे प्रतापनगर के माध्यम से परसराम वैष्णव पुत्र मोड़ीदास वैष्णव निवासी रेबारियों का गुडा ढीकली और नरेश वैष्णव निवासी रेबारियों का गुड़ा ढीकली से हुई थी। परसराम और नरेश दोनों जमीनों कि दलाली का काम करते है। चेतन व नरेश और परसराम ने मिलकर उसे अच्छी जगह प्लाट दिलाने के लिए कहा और बताया कि परसराम वैष्णव का एक प्लॉट ग्राम पंचायत रेबारियों का गुड़ा में है और इन सभी ने प्रार्थिया पुष्पा लौहार व उसके पुत्र कमलेश लौहार को साथ में ले जाकर प्लाट दिखाया और 9 लाख रूपए में प्लॉट का सौदा तय किया गया। परसराम वैष्णव के नाम से इकरार किया और उससे 4.50 लाख रूपए चैक से लिए। शेष बकाया भुगतान रजिस्ट्री के समय देना तय किया। इसके बाद उसने सेवाश्रम उदयपुर में पूरण चौधरी के पास बैंक से लोन के लिए आवेदन करने के लिए कहा। जिस पर उन्होंने जमीन के कागज देखे और कहा की सभी कागज फर्जी बनाए हुए है। उसके साथ इन सभी लोगों ने मिलकर धोखाधाड़ी की है।इस पर उसने आरोपियों से पैसों की मांग की तो इन्होंने देने से इंकार कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।