कहते है हार तब होती है जब मान लिया जाता है और जीत तब होती है जब ठान लिया जाता हैं। इस बात को साबित करने वाले अब तक कितने ही उदाहरण आपने देखे होंगे। यही जज्बा हमने कई महिलाओं के अंदर भी देखा हैं। देश की कई महिलाओं ने अपने काम से देश का सर ऊंचा किया हैं। इन महिलाओं में एक नाम है उदयपुर पूर्व राजघराने से जुड़ी कुमारी विजयश्री शक्तावत।
हरी घास के मैदान में घोड़ों पर सवार होकर स्टिक हाथ में लिए बॉल से गोल करने वाली विजयश्री शक्तावत गेम पोलो प्लेयर में ही माहिर नहीं है बल्कि मॉडलिंग और बिजनेस वीमेन भी हैं। उदयपुर में वे जगत कलेक्शन की मालकिन हैं। उनका निक नेम डायमंड भी हैं। एक महिला क्या कुछ नहीं कर सकती इसकी जीती जागती तस्वीर होर्स पोलो प्लेयर विजयश्री शक्तावत है। कहा जाए तो विजयश्री उदयपुर की पहली प्रोफेशनल महिला पोलो खिलाड़ी हैं। उन्होंने उदयपुर पत्रिका से बात करते हुए बताया कि उनके मन में बस यही ख्याल था कि हर खेल को पुरुष ही क्यों खेलते है? महिलाएं हर खेल में हाथ क्यों नहीं आजमा सकती, महिलाओं को भी पोलो जैसे गेम खेलना चाहिए।
विजयश्री कहती है कि जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं होता चाहे खेल हो, बिजनेस हो या फिर किसी भी तरह का फील्ड हो कड़ी मेहनत करके ही सफलता हासिल की जाती हैं। उन्होंने कहा कि पोलो मेरा अनुभव ज्यादा पुराना नहीं हैं। दो साल से पोलो प्लेयर के तौर पर खेल रही हूं। घोड़ों से बचपन से ही लगाव रहा है इसलिए एक अच्छी होर्स राइडर हूं। मेरी सफलता के पीछे परिवार और दोस्तों का सबसे बड़ा हाथ हैं उन्होंने ही मेरा उत्साह बढ़ाया हैं।
विजयश्री ने अपना पहला मैच उदयपुर में खेल था जो बेदला कप था। इस मैच में वह सुजान टीम की ओर से खेली थी। वहीं जोधपुर में 6 से 31 दिसंबर 2022 में आयोजित हुए पोलो सीजन में सभी की नजर पोलो प्लेयर विजयश्री शक्तावत पर ही थी क्योंकि पोलो सीजन में विजयश्री पुरुष प्लेयर्स में अकेली महिला पोलो प्लेयर थी। इसके बाद हाल ही में जयपुर में आयोजित हुए महिला पोलो मैच में का भी विजयश्री हिस्सा रह चुकी हैं।
बचपन से रहा घोड़ो से लगाव, फॉर्म पर होर्स राइडिंग की करती थी प्रेक्टिस
आपको बता दे कि विजयश्री के पिता के अच्छे होर्स राइडर रह चुके हैं। विजयश्री अपने पिता को फॉलो करती है इसलिए वह भी एक अच्छी होर्स राइडर हैं। विजयश्री अपने पिता की मौजदूगी में होर्स सफारी किया करती थी और फॉर्म पर होर्स राइडिंग की प्रेक्टिस किया करती थी। विजयश्री ने मुबंई से मास मीडिया में बैचलर किया था। इसके बाद वह इटली चली गई थी। इटली के फ्लोरेंस शहर से इंटीरियर डिजाइनिंग और आर्किटेक्चर में मास्टर्स किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पोलो खेल से जुड़ना चाहिए।
ज्यादातर परिवार नहीं चाहते है कि बेंटियां हॉर्स-पोलो खेले
विजयश्री ने कहा कि ज्यादातर परिवार नहीं चाहते है कि बेंटियां इसे खेले। जब में खेलती हूं तो मेरे परिवार को भी चिंता होती है लेकिन उन्होंने मुझे खेलने से कभी नहीं रोका। उम्मीद करती हूं कि भविष्य में पोलो के प्रति महिलाओं को रुझान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ 4 शहर हैं जहां हॉर्स-पोलो खेला जाता है दिल्ली, मुंबई, जयपुर और जोधपुर। इन शहरों में घोड़ों को रखने के लिए अच्छी जगह और टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए विशाल मैदान हैं। घोड़ों और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की संस्कृति होने के बावजूद हॉर्स-पोलो से उदयपुर भी एक अछूता क्षेत्र है।
उदयपुर में सरकारी हॉर्स-पोलो के लिए मैदान विकसित हो जाने के बाद, नई प्रतिभाएं भी आने लगेंगी
जयपुर और जोधपुर के बाद उदयपुर में अच्छे पोलो खिलाड़ी हैं और इस खेल को यहां विकसित करने की जरूरत है। उदयपुर में सरकारी हॉर्स-पोलो के लिए मैदान विकसित हो जाने के बाद, नई प्रतिभाएं भी आने लगेंगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। हॉर्स-पोलो की शुरुआत भी कई लोगों के लिए आजीविका का स्रोत बनने की काफी संभावना है।