उदयपुर शहर विधानसभा सीट पर भाजपा की और से ताराचंद जैन को टिकिट मिलने के बाद लगातार विरोध कर रहे उपमहापौर पारस सिंघवी की और सोमवार को निकाली स्वाभिमान रैली को शहर के बडा बाजार में पुलिस ने रोक दिया। कुछ देर तक पुलिस और सिंघवी के समर्थकों के बीच कहासुनी होती रही। इसके बाद पुलिस ने एक बार कार्यकर्ताओं को पीछे करने के लिए हल्के बल का प्रयोग किया लेकिन इसके बाद पारस सिंघवी अपने कार्यकर्ताओं के साथ देव दर्शन के लिए जगदीश मंदिर जा सकें।
मंदिर में देव दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पारस सिंघवी ने खुले रूप से ताराचंद जैन का विरोध किया। सिंघवी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने 12 साल तक पार्टी का विरोध किया उस व्यक्ति को गुलाबचंद कटारिया के कहने पर टिकिट दे दिया और इसी बात का विरोध हैं। पारस सिंघवी ने कहा कि उन्हें टिकिट नहीं मिलेगा चलेगा लेकिन ताराचंद जैन को टिकिट देने के फैसले को पार्टी को बदलना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी शहर जिलाध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली, प्रमोद सामर या फिर उन लोगों में से किसी को टिकिट दे दे जो कि अपनी दावेदारी कर रहे थे लेकिन ताराचंद जैन का विरोध है और आगे भी रहेगा।
पारस सिंघवी ने भाजपा छोड अन्य पार्टी में जाने के सवाल पर सिंघवी ने सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन इशारों ही इशारों में उन्होंने कह दिया कि वे अन्य पार्टी में जा सकते हैं। हांलाकि कांग्रेस में जाने के सवाल पर कहा कि उनके लिए सभी दरवाजे अभी खुले हुए हैं। पारस सिंघवी ने यहां पर कहा कि जिन्होंने जिंदगी भर पार्टी की सेवा की, पार्टी उसे चुनाव में प्रत्याशी घोषित करे। पारस सिंघवी ने कहा कि अगर किसी अन्य पार्टी में जाएगें तो सबसे पहले कटारिया को फिर से उनके द्वारा दिए गए पद को छोडेंगे और उसके बाद अन्य पार्टी मे जाने का मन बनाएगें।
क्या पारस सिंघवी पार्टी के आलाकमान के समझाने पर अपने फैसले में बदलाव करेंगे या फिर जब तक ताराचंद की जगह किसी और को प्रत्याशी नहीं बनाया जाता हैं तब तक विरोध जारी रखेंगे। यह जरूर हैं कि पारस सिंघवी के इस रवैये से पार्टी को भारी नुकसान हो सकता हैं लेकिन ऐसे में पार्टी क्या एक्शन ले सकती हैं यह देखने वाली बात होगी।