कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि शहर में टूरिस्ट का फ्लो अच्छा है लेकिन जरूरत अब इनका ठहराव बढ़ाने की है। इसके लिए जरूरी है कि पर्यटन को ग्रामीण परिवेश, ट्राइबल कल्चर और नैसर्गिंक सौंदर्य से जोड़ा जाए। इसकी उदयपुर में अपार संभावनाएं भी हैं, बस उस पर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा नाइट टूरिज्म की भी जरूरत है। नगर निगम आयुक्त हेरिटेज वॉक पर फोकस कर इसकी रिपोर्ट दें।
कलेक्टर मीणा जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से उदयपुर निश्चित रूप से समृद्ध है। इसका वास्तविक लाभ ग्रामीण जनता को नहीं मिल पाया है। पर्यटन को ग्रामीण परिवेश, ट्राइबल कल्चर और नैसर्गिंक सौंदर्य से जोड़ेंगे तो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी इसका लाभ होगा। इससे इनके जीवन स्तर में सुधार होगा, टूरिस्ट बढ़ेंगे भी और ज्यादा रुकेंगे भी। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र की विशेषताओं से जोड़ना होगा।
इसमें खास कर जनजाति परिवेश व संस्कृति, नदी-नाले और हरे-भरे पहाड़, यहां उपलब्ध दुर्लभ मेडिसिन प्लांट तथा नए विकसित किए जा रहे सीताफल एक्सीलेंस सेंटर, आम एक्सीलेंस सेंटर आदि को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने शहर के शिल्पग्राम की तर्ज पर झाड़ोल-फलासिया, जयसमंद आदि स्थलों पर भी शिल्पग्राम स्थापित करने के प्रस्ताव बनाने की बात कही।
कलेक्टर ने कहा कि हर साल 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती पर उदयपुर में आदि महोत्सव मनाने के लिए राज्य सरकार से आदि महोत्सव को पर्यटन विभाग के वार्षिक कैलेंडर में शामिल करने का भी आग्रह किया है। इसमें जल्द ही सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है। मीणा ने शहर में हेरिटेज वॉक-वे शुरू करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम, यूआईटी व पर्यटन विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर मूर्तरूप देने को कहा।
एसपी ने की ईको टूरिज्म की पैरवी
एसपी भुवन भूषण यादव ने पर्यटन विकास से जुड़े सुरक्षा मानकों पर चर्चा के साथ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर में ईकेा टूरिज्म की प्रबल संभावनाएं हैं। माउंटेन ट्रैकिंग, एडवेंचर एक्टीविटी के लिए स्थलों को चिह्नित कर समुचित गाइड की व्यवस्था जाए तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। बैठक की शुरुआत में पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने पिछली बैठक का कार्रवाई विवरण पेश किया।
इन अहम मुद्दों पर भी चर्चा
-पर्यटन केंद्रों के आकर्षक साइन बोर्ड लगाए जाएं
-बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर पर्यटन स्वागत केंद्र संचालन के प्रस्ताव तैयार किए जाएं
-उदयपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि स्थलों पर डिस्प्ले की जाए
-चावंड, गोगुंदा में स्वीकृत राशि के अनुरूप जल्द कार्य शुरू किए जाए
-पिछोला में वाहन धुलाई रोकने के लिए लाल घाट पर गणगौर घाट की तर्ज पर प्रबंध किए जाए
-पर्यटकों से मनमाना किराया वसूली रोकने के लिए किराया दर डिस्प्ले की जाए
-शहर में ई-रिक्शा संचालन में होटल एसोसिएशन से भी सहयोग लिया जाए
-दूध तलाई में बंद पड़े म्यूजिकल फाउंटेन को जल्द प्रारंभ शुरू कराया जाए।