विश्व आदिवासी दिवस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानगढ़ धाम पहुंचे। राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा शुरू करने से पहले, जो यहां आदिवासियों ने, अंग्रेजों की लड़ाई में, हिन्दुस्तान को बनाने के लिए जो काम किया, जो कुर्बानियां दी, उसके लिए मैं आप सबको दिल से, आदिवासी समाज को दिल से धन्यवाद करता हूं। आज आदिवासी दिवस भी है और इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं।
जब मैं छोटा था, 6-7 साल का था, तो मेरी दादी इंदिरा ने मुझे एक किताब दी थी, किताब का नाम तेंदू एक आदिवासी बच्चा, ये नाम था और वो एक आदिवासी बच्चे की जिंदगी के बारे में किताब थी। वो जंगल में कैसे जीता था, तीर-कमान से मछली मारता था, उसके माता-पिता, उसका परिवार किस प्रकार से जीता था, उस किताब में लिखा था और वो किताब मुझे सबसे अच्छी लगती थी और मैं दादी के साथ वो किताब पढ़ता था। दादी पेज घुमाती थीं और फिर मैं उनसे सवाल पूछता था और वो मुझे जवाब देती थीं। शायद 45 साल पुरानी बात बता रहा हूं और मैंने उनसे एक दिन पूछा कि दादी ये आदिवासी शब्द जो है, इसका मतलब क्या है? और जैसे आप जानते हो, वो आदिवासियों से बहुत प्यार करती थीं, मोहब्बत करती थीं। आपसे बहुत गहरा रिश्ता था उनका।
आदिवासी शब्द क्या होता है
तो मैंने ये सवाल पूछा, छोटा सा था मैं, मैंने पूछा ये आदिवासी शब्द क्या होता है? और मुझे आज तक याद है इंदिरा गांधी जी ने क्या कहा था और मैं आज आपको वो बताना चाह रहा हूं। उन्होंने कहा कि ये हिन्दुस्तान के पहले निवासी हैं, ये जो हमारी जमीन है, जिसको आज हम भारत कहते हैं, ये जमीन इन आदिवासियों की जमीन थी और फिर उन्होंने कहा जो आज का मॉर्डन समाज है, उसको आदिवासियों से जिंदगी जीना समझना चाहिए, ये उनके शब्द थे। जल, जंगल, जमीन के साथ क्या बर्ताव होना चाहि?, क्या रिश्ता होना चाहिए? आदिवासियों से सीखना चाहिए।
मगर एक बात मेरे दिमाग में बैठ गई कि आदिवासी इस देश के, इस धरती के पहले निवासी थे और उन्होंने ये भी कहा कि सालों पहले आदिवासी पूरे हिन्दुस्तान में रहते थे और आहिस्ते-आहिस्ते, आहिस्ते-आहिस्ते उनको धकेला गया। तो ये बात मेरे दिमाग में बैठ गई आदिवासी पहले निवासी थे और ये जो पूरा देश है, इसकी जमीन पहले आदिवासियों की हुआ करती थी।
बीजेपी ने एक नया शब्द निकाला है वनवासी
तो जब आप यहां शहीद हुए, हिन्दुस्तान के जो ओरिजनल मालिक थे, वो यहां अंग्रेजों की गोली खाकर शहीद हुए। अब बीजेपी ने एक नया शब्द निकाला है वनवासी। वनवासी का मतलब जो जंगल में रहते हैं। हम आपको आदिवासी कहलाते हैं, ये पूरा का पूरा देश आपका है और हम चाहते हैं कि आप जो भी करें, जहां भी करें, आप सफलता प्राप्त करें। चाहे आपके बच्चे कॉलेज में जाना चाहें, यूनिवर्सिटी में जाना चाहें, हवाई जहाज उड़ाना चाहें, कम्प्यूटर चलाना चाहें, बिजनेस करना चाहें, इंडस्ट्री को चलाना चाहें, हम चाहते हैं कि आपको मौका मिलना चाहिए।
जो भी आप करना चाहते हैं, जो भी आप अपने बच्चों के लिए सपना देखना चाहते हैं, वो आपका सपना पूरा होना चाहिए और वो क्या कहते हैं? वो कहते हैं आप आदिवासी नहीं हो, आप हिन्दुस्तान के पहले निवासी नहीं थे, वो कहते हैं कि आप आदिवासी नहीं हो, आप वनवासी हो। मतलब आप इस देश के ओरिजनल मालिक नहीं हो, आप तो जंगल में रहते हो। ये आपका अपमान है, ये भारत माता का अपमान है, सिर्फ आदिवासियों का नहीं, पूरे देश का अपमान है। आप वनवासी नहीं हो, आप आदिवासी हो। ये पहले आपकी जमीन थी।
बीजेपी चाहती है, आरएसएस चाहती है कि आप जंगल में रहो, जंगल के बाहर न निकलो, आपके बच्चे इंजीनियर न बनें, डॉक्टर न बनें, लॉयर न बनें, बिजनेस न चलाएं, हवाई जहाज न उड़ाएं, प्रोफेसर न बनें, वो आप पर वनवासी का ठप्पा डालना चाहते हैं। मतलब आप जंगल में रहते हो, आप दूसरे लोगों से कम हो। हम इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं, हम इस बात को कभी नहीं मान सकते। आप इस देश के मालिक हो, ये जमीन आपकी जमीन है और इस देश में आपको हक मिलना चाहिए।
अच्छा फिर आपसे कहते हैं, आप वनवासी हो और फिर आप ही के जंगल को, आप ही के हाथों से छीनकर अडानी जी को पकड़ा देते हैं। वनवासी आपको कहते हैं, मगर हमने जब आपको जंगल का, जमीन का, जल का हक दिया, पेसा कानून दिया, आदिवासी बिल दिया, तो बीजेपी ने, आरएसएस ने क्या किया? वो जो औजार हमने आपको दिए थे, उन्होंने एक के बाद एक रद्द कर दिए। वो चाहते हैं कि आप जंगल में रहो और फिर आहिस्ते-आहिस्ते, आहिस्ते-आहिस्ते जंगल को वो काटते जाते हैं, आहिस्ते-आहिस्ते जो आपके हक हैं, उनको वो छीनते जाते हैं, आपकी जमीन जो है, वो उसको छीनते जाते हैं। वो अंत में चाहते हैं कि वो आपको वनवासी कहें और हिन्दुस्तान में जंगल ही गायब हो जाए, तो आप कहीं के नहीं रहो।
आप आदिवासी हो, आदिवासी थे और आदिवासी रहोगे और इस इतिहास को कोई बदल नहीं सकता। हिस्ट्री की किताब में कोई कुछ लिख ले, सच्चाई ये है कि ये जमीन पहले आदिवासियों की थी और आदिवासियों को इस देश में हक मिलना चाहिए, कोई भी सपना देखने का हक मिलना चाहिए।
आज मैंने पार्लियामेंट में भाषण दिया और अपने भाषण में मैंने कहा कि हिन्दुस्तान एक आवाज है। हर नागरिक की आवाज है, आदिवासियों की आवाज है, पिछड़ों की आवाज है, दलितों की आवाज है, अल्पसंख्यकों की आवाज है, जनरल कम्युनिटी की आवाज है, महिलाओं की आवाज है और जहाँ भी ये बीजेपी के लोग जाते हैं, हिंदुस्तान की आवाज को चुप करने की कोशिश करते हैं, दबाने की कोशिश करते हैं।
बीजेपी की सोच ने मणिपुर में आग लगा दी
बीजेपी की सोच ने मणिपुर में आग लगा दी। तीन-चार महीने से मणिपुर में आग जल रही है, लोग मारे जा रहे हैं, बच्चे मारे जा रहे हैं, महिलाओं का बलात्कार हो रहा है। मैंने पार्लियामेंट में बोला कि मणिपुर में भारत माता की हत्या हुई है। बीजेपी की विचारधारा ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की और देखिए, 3-4 महीने से आग लगी है, अगर प्रधानमंत्री चाहें, दो-तीन दिन में उस आग को बुझा सकते हैं। अगर प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान की सेना को कहा कि इस आग को दो दिन में बुझा दो, हिंदुस्तान, मणिपुर में जो आग जल रही है, उसको दो दिन में बुझा देगी। मगर प्रधानमंत्री आग को जलाना चाहते हैं। उन्होंने तो बांटा है मणिपुर को और देखिए 3 महीने हो गए, ऐसा लगता है कि मणिपुर हिंदुस्तान का भाग ही नहीं है, स्टेट ही नहीं है। प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला।
मैं वहाँ गया, रिलीफ कैंप में गया, महिलाओं से बात की, बच्चों से बात की, गले लगा। विपक्ष के मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट गए, मगर प्रधानमंत्री नहीं गए। एक शब्द आज तक नहीं बोला। जहाँ भी ये जाते हैं, किसी ना किसी को लड़ा देते हैं। आदिवासियों को कहेंगे तुम्हारी जमीन नहीं है, नफरत फैलाएंगे, हिंसा फैलाएंगे, बाकी लोगों के बारे में गलत शब्द प्रयोग करेंगे। इससे देश को फायदा नहीं होता।
सीएम चिरंजीवी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, देश का सबसे बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम
राजस्थान में देखिए, हमारी सरकार ने क्या-क्या किया – सीएम चिरंजीवी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, देश का सबसे बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है। काली बाई स्कूटी योजना, मुफ्त में महिलाओं को स्कूटर, मुख्यमंत्री कोचिंग योजना, फ्री एंट्रेंस एग्जाम में कोचिंग मुफ्त में, एससी, एसटी डेवलपमेंट फंड को 500 करोड़ से 1000 करोड़ कर दिया। तो हम गरीबों की सरकार चलाते हैं, आदिवासियों की सरकार चलाते हैं।
पेंशन स्कीम, पुरानी पेंशन स्कीम जो राजस्थान की सरकार ने दी, 90 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचा। गिग वर्कर्स, वेलफेयर एक्ट, में उबर, ओला चलाते हैं, उनकी मदद की, तो हम गरीबों की सरकार चलाते हैं और हम लोगों को जोड़ने का काम करते हैं। पूरे देश में वो नफरत फैला रहे हैं। इसलिए मैं कश्मीर से कन्याकुमारी चला, राजस्थान से भी मैं निकला था। भारत जोड़ो यात्रा हमने की, पूरे देश को जोड़ने का काम किया और एक नारा दिया था – नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोलते हैं और यही हमारा काम है।
आदिवासियों, भाइयों और बहनों मैं आपको ये कहना चाहता हूं, मैं आपका सिपाही हूं, दिल्ली में रहता हूं, मगर जब भी आप चाहो, मुझे आप राजस्थान बुला लो, अपने घरों में बुला लो और जो भी आप चाहते हैं, आप मुझसे पूछो, हमारी सरकार से पूछो और हम दिल से आपकी पूरी मदद करेंगे। हम चाहते हैं कि जो आपका हक है, वो आपको मिले। जो आपके सपने हैं, वो पूरे हों। आपके बच्चे यूनिवर्सिटी, कॉलेज और जिंदगी में तेजी से आगे बढ़े। आपने जो इस देश के लिए कुर्बानी दी, जो आपने खून दिया, उसको हम कभी नहीं भूल सकते हैं।