सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा की हार्टअटैक से मृत्यु हो जाने के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस से अपनी परिपाटी बदलते हुए परिवारवाद से बाहर कर बागी चुनाव लड़ने वाली रेशमा मीणा को अपना प्रत्याशी घोषित किया हैं। मीणा के प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब सलूम्बर में चुनाव लड़ने वालों की तस्वीर साफ हो गई हैं।
भाजपा जहां एक और अमृतलाल मीणा की पत्नी को टिकिट देकर सहानुभूति के वोट लेने की कोशिश में जुटी हुई है तो दूसरी और भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) ने एक बार फिर जितेश कुमार कटारा पर विश्वास जताया है। कटारा इससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव में सलूम्बर से विधानसभा से चुनाव लड़ चुके है लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने दोनों पार्टियों ने महिलाओं को टिकिट देकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया हैं। कांग्रेस ने भाजपा के टिकिट की घोषणा के बाद अपना प्रत्याशी घोषित किया और महिला के सामने महिला को टिकिट देकर मुकाबला रोमांचक कर दिया हैं।
भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी अंतिम दिन अपना नामाकंन करेंगी दाखिल
भाजपा प्रत्याशी शांता मीणा और कांग्रेस प्रत्याशी रेशमा मीणा शुक्रवार को अंतिम दिन अपना नामाकंन दाखिल करेगी। भाजपा प्रत्याशी शांता मीणा के नामाकंन के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
इसके लिए भाजपा ने सलूम्बर में पूरी तैयारी कर ली हैं। भाजपा की ओर से देहात जिलाध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रेशमा मीणा भी शुक्रवार को ही अपना नामाकंन दाखिल करेगी। मीणा के समर्थन में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के आने की उम्मीद हैं। हांलाकि मीणा को टिकिट मिलने के बाद देहात कांग्रेस के नेता सभी तैयारी में जुट गए हैं।
उपचुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की साख दांव पर
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के करीब एक साल बाद हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की साख दांव पर हैं। एक साथ 7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री सभी प्रत्याशियों के नामाकंन में शामिल होकर पूरे जोश के साथ प्रचार प्रसार करने वाले हैं। वहीं मदन राठौड के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहला चुनाव हैं। ऐसे में दोनों नेताओं की साख और प्रतिष्ठा दांव पर हैं।
भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी प्रत्याशी पहली बार लडेगी विधानसभा चुनाव
भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रही हैं। भाजपा प्रत्याशी शांता मीणा पूर्व में दो बार सरपंच रही चुकी है तो वहीं रेशमा मीणा दो बार प्रधान रह चुकी है लेकिन दोनों पहली बार विधानसभा चुनाव का चुनाव लड़ने जा रही हैं ऐसे में यह चुनाव दोनों पार्टियों के लिए बड़ा महत्वपूण हैं।