किसी भी शहर की पहचान वहां की सुंदरता से होती हैं। हमारी यहां की पहचान यहां की झीले की हैं। इन झीलों को निहारने के लिए पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों का भी यहां आना जाना लगा रहता हैं। ऐसे में उदयपुर शहर में आने वाले पर्यटकों को शहर की यातायात व्यवस्था से गुजरना पड़ता हैं। यह यातायात व्यवस्था आमजन के साथ—साथ यहां पर आने वाले मेहमानों के लिए मुसीबत बन गई हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में ट्रेफिक सिग्नल बंद हैं।
उदयपुर पत्रिका डॉट कॉम ने इस मुद्दे को उठाया और शहर के हर एक चौराहे का जायजा लिया। शहर के मुख्य चौराहों में प्रताप नगर, ठोकर चौराहा, सूरजपोल, देहली गेट, कोर्ट चौराहा, चेतक सर्कल, फतहपुरा, दुर्गा नर्सरी चौराहा सहित अन्य चौराहों पर ट्रैफिक सिंग्नल बंद मिले।
प्रतापनगर चौराहा
चितौडगढ़ से आते समय शहर में प्रवेश करने के लिए सबसे पहले प्रतापनगर चौराहे से अंदर घुसना होता हैं। यहां कई बार घंटो-घंटों लंबा जाम लगा रहता हैं। कई बार यहां आने वाले देशी और विदेशी मेहमानों को इस मुसीबत से घंटो गुजरना पड़ता हैं जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पडता हैं।
आपको यह जानकर हैरत होगी कि प्रतापनगर चौराहे पर सिंग्नल की व्यवस्था तो दूर यहां सिग्नल तक लगे हुए नहीं हैं। जबकि यह शहर का मुख्य चौराहा माना जाता हैं, और सबसे ज्यादा आवाजाही इसी चौराहे पर नजर आती हैं। न ही इस चौराहे पर पुलिस की कोई माकूल व्यवस्था दिखाई देती हैं और न ही कोई ट्रैफिक को कंट्रोल करता नजर आता हैं। इक्के दुक्के पुलिसकर्मी इस चौराहे पर खडे रहते हैं उनमें से भी अधिकांश वहां पर खडे होकर चालान बनाने में व्यस्त रहते हैं।
ठोकर चौराहा
प्रतापनगर के बाद ठोकर चौराहे का नम्बर आता हैं प्रतापनगर से आते समय यह दूसरा ऐसा चौराहा हैं जहां से शहर में प्रवेश किया जाता हैं। यहां पर हमारी टीम ने जायजा लिया तो देखा यहां भी ट्रैफिक सिग्नल की बत्ती गुल थी पुलिस का मीटर चालू था। इसके मायने पुलिस चालान काटने में तो किसी बात की देरी नहीं करती है ऐसे में आखिर सिग्नल शुरु करवाने में क्यों देरी करती हैं।
सूरजपोल चौराहा
शहर के सबसे खास चौराहों में से एक हैं सूरजपोल चौराहा। यह शहर के बीचों बीच स्थित हैं इसलिए कई मुख्य मार्गों के लिए जाने के लिए इसी चौराहे से होकर गुजरना पड़ता हैं। इस चौराहे का जब हमने जायजा लिया तो पुलिस कर्मी तो मौजूद थे लेकिन सिग्नल व्यवस्था की बत्ती ठीक उसी तरह थी जिस तरह अन्य चौराहों की। हांलाकि इस चौराहे को स्मार्ट सिटी के तहत डवलप किया हैं। इस चौराहे पर बिना रूके हमें चलना होता है लेकिन इसकी डिजाइन इस तरह की गई हैं मानो इस चौराहे पर व्यक्ति ना चाहते हुए भी उसे वहीं काम करना हैं।
शहर के सभी चौराहों पर मौजूद ट्रैफिक सिग्नल सभी बंद हैं। सवाल यह उठता है कि जब पुलिस अधिकारी और आला अधिकारी इन रास्तों से होकर अपने कार्यालय सहित बंगले तक जाते हैं, क्या उन आला अधिकारियों को यह बंद सिग्नल नज़र नहीं आते हैं। इन चौराहों पर बंद पडे़े सिग्नल को लेकर कई बार अधिकारियों से बात होती हैं तो पुलिस अधिकारी नगर निगम पर, नगर निगम के अधिकारी यूआईटी पर और यूआईटी के अधिकारी किसी अन्य विभाग का जिम्मा बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हैं।
कोर्ट चौराहा
कोर्ट चौराहा शहर के बीचो बीच होने से यहां पर यातायात दबाव बहुत अधिक होता हैं इस चौराहे के आसपास कलेक्ट्रेट, एमबी हॉस्पिटल और कोर्ट मौजूद हैं। इससे यहां पर कई बार जाम भी लग जाता हैं। खास बात यह है कि यहां पर ट्रैफिक लाइट जरूर हैं लेकिन उसे बहुत कम जलते हुए देखा हैं।
फतहपुरा सर्कल चौराहा
फतहपुरा सर्कल पर जब हमारी नज़र पड़ी तो देखा यहां की सिग्नल व्यवस्था सुचारु हैं। पुलिस कर्मी भी इस चौराहे पर मौजूदा था। यहां हमने देखा कि सिग्नल की बत्ती चालू तो थी लेकिन वह एक ही लाइट का संकते दे रही थी। मतलब सिग्लन में केवल एक ही लाइट चालू थी वो थी येलो कलर की। इस लाइट को देख कर न तो कोई रुक रहा था बस लोग धीरे — धीरे चलने की कोशिश कर रहे थे।
शक्ति नगर तिराहा
शक्ति नगर तिराहे पर सिग्नल की स्थिति भी ठीक उसी तरह थी जिस तरह से दूसरें सिग्नल की थी। यहां पर भी कोई सुनने वाला नहीं है। हांलाकि तिराहे पर कट बंद करने से लोगों को नगर निगम के सामने कट से आना जाना पडता हैं लेकिन कई बार रांग साइट से आने से सामने आ रहे लोगों को परेशानी होती हैं।
दुर्गा नर्सरी चौराहा
दुर्गा नर्सरी चौराहा पर भी वहीं हाल नज़र आया जो शहर के अन्य चौराहा पर था। यहां पर इक्के दुक्के पुलिसकर्मी जरूर नजर आ जाएगें लेकिन ट्रैफिक सिंग्नल नहीं होने से यहां पर भी कई बार पुलिसकर्मी ही यातायात को कंट्रोल करते दिखाई देते हैं जिससे उनके लिए भी यातायात दबाव परेशानी का कारण बन जाता हैं।
बता दे कि जब यह सिंग्नल लगाए जाते हैं तब अधिकारियों के ओर से बड़े-बड़े दावे किए जाते है कि शहर में अब जाम से मुक्ति मिलेगी लेकिन इसका उलटा ही नजारा आप को यहा देखने को मिलेगा। ट्रैफिक सिग्नल बंद होने से चौराहों पर जाम की स्थिति बन रही हैं। जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। वहीं हादसों का भी भय बना रहता हैं।
शहर को ट्रैफिक सिग्नल कई महीनों से बंद होने की जानकारी होने के बाद भी शहर यातायात पुलिस की ओर कोई कार्रवाई नही की जा रही हैं। जाहिर सी बात हैं इन सभी सिग्नल को चलाने के लिए विद्युत विभाग से बिजली कनेक्शन भी लिया होगा। ऐसे में यह सरकार की राशि का दुरुपयोग हो रहा हैं।