उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के कला व विधि महाविद्यालय में बुधवार से कांउसलिंग का दौर शुरू हुआ। कला महाविद्यालय में प्रथम वर्ष में दाखिले के लिए पहुंचे छात्र छात्राओं के बीच प्रचार प्रसार करने के लिए छात्र नेताओं और उनके समर्थकों का जमावड़ा लग गया।
महाविद्यालय के मेन गेट पर ऐसा लग रहा था मानो अंदर वोटिंग हो रही हो। मेन गेट पर अलग—अलग छात्र नेताओं के समर्थक अपने अपने नेता के लिए जमकर नारेबाजी कर रहे थे तो वहीं नए छात्र—छात्राओं के अंदर घुसने से पहले उन्हें सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
विश्वविद्यालय के मेनगेट पर इस कदर पेम्प्लेट बिखरे दिखाई दिए मानो चुनाव तो बुधवार को हुए हो। सुविवि के मेन गेट से लेकर कला महाविद्यालय तक अलग — अलग छात्र नेताओं के पोस्टर लगे हुए थे। इन पोस्टर्स व बैनर को देखकर तो यह नहीं लगता कि यहां पर किसी तरह से लिंग दोह कमेटी की पालना की जा रही हो।
करीब एक से डेढ़ किलोमीटर के बीच अलग—अलग छात्र नेताओं के सैकड़ों पोस्टर्स व बैनर नजर आए। महाविद्यालय में पहले दिन कांउसलिंग के दौरान जिस तरह के हालात नजर आए उससे तो यह लगता हैं कि छात्र संघ चुनाव के दौरान लिंग दोह कमेटी की सिफारिशों की जमकर धज्जिया उड़ने वाली हैं।
महाविद्यालय में दो छात्र गुटों के बीच हुए झड़प, चले लात घुसे
कला महाविद्यालय में बुधवार को प्रथम वर्ष के छात्र छात्राओं की कांउसलिंग का कार्य हुआ। दस्तावेजों की जांच के लिए छात्र छात्राओं को बुलाया गया था। उसी दौरान वहां पर कमेलश डांगी और समीप मेघवाल के समर्थकों के बीच अंदर जाने को लेकर झड़प हो गई। पहले तो दोनों गुटों के बीच जोरदार नारेबाजी हुई। इसके बाद दोनों गुटों के समर्थक आपस में भिड गए।
मामले को बढ़ता देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने छात्रों को वहां से तीतर बीतर किया ताकि वहां पर माहौल खराब नहीं हो। इससे पहले प्रतापनगर थानाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और कुछ देर तक समर्थकों के साथ समझाइश की। माहौल बिगडता देख पुलिसकर्मियों ने छात्र नेताओं के समर्थकों को महाविद्यालय परिसर से बाहर निकाल दिया। महाविद्यालय में कांउसलिंग के लिए एक समय में 100 छात्र छात्राओं को अंदर बुलाया गया ताकि अंदर भीड नहीं हो।
लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जिया उड़ने पर विवि प्रशासन करेगा कार्यवाही
लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के बाद विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों में होने वाले छात्रसंघ चुनाव के खर्चे को कम करने के लिए कुछ नियम बनाए गए। इसके तहत छात्र नेता केवल कैम्पस में ही प्रचार प्रसार कर सकते हैं। इसके अलावा शहर में पोस्टर बैनर नहीं लगा सकते लेकिन सुखाडिया विश्वविद्यालय मार्ग पर कुछ छात्र नेताओं ने बड़े—बड़े पोस्टर बैनर लगा दिए, जो कि दूर से भी देखे जा सकते हैं। ऐसे नेताओं के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन क्या सख्त कार्यवाही करेगा या फिर कार्यवाही कागजो में ही दबकर रह जाएगी।