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बच्चा परिजनों के साथ और बदमाशों ने फेक कॉल कर फिरौती के लिए धमकाया, परिजन परेशान

केस 1
एक महिला अपनी सहेलियों के साथ मेले में गई थी और इस दौरान उसके पास व्हाट्स एप्प पर एक कॉल आया और उसे बताया कि उसके बच्चे का अपहरण कर लिया है। यह सुनकर महिला घबरा गई और महिला ने अपने पति व परिजनों को बताया तो वे भी घबरा गए। कुछ देर बाद पता चला कि बच्चा अपने बड़े भाई के साथ है और सुरक्षित है तो सभी ने राहत की सांस ली।

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केस 2
एक व्यक्ति किसी काम से दूसरे शहर चला गया और उसके पास एक व्हाट्स एप्प से कॉल आता है कि उसके बेटी को बलात्कार के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। कॉल करने वाला बेटी को छोड़ने के एवज में अलग-अलग डिमांड कर रहा। पीड़ित ने तत्काल अपने घर पर फोन किया तो पता चला कि उनकी बेटी घर पर ही है। उसे विश्वास नहीं हुआ तो उसने विडियों कॉल कर कनफर्म किया तब जाकर राहत की सांस ली।

उदयपुर। कुछ इसी तरह से लगातार शहर में लोगों के पास अलग-अलग नम्बरों से व्हाट्स एप्प पर फैक कॉल आ रहे है और परिजनों को डरा-धमकाकर अलग-अलग डिमांड कर रहे है और माता-पिता भी घबरा जाते है और बिना पुष्टि किए ही इन फेक कॉल के झांसे में आकर पैसा और समय दोनों बर्बाद कर रहे है। सोशल मीडिया और 5जी इंटरनेट के दौर में साईबर अपराधी पैसा ऐंठने के नए-नए तरीके तलाश रहे है। बदमाशों ने इस बार पैसा ऐंठने का नया तरीका और ऐसा कारगर तरीका तलाशा कि चपेट में आने वाला बिना कुछ सोचे-समझे मनचाहा पैसा ट्रांसफर करवा देता है।

पहले तो चर्चित व्यक्ति के फेसबुक या व्हाट्स एप्प को हैक कर उसे मुसीबत में होना बताकर पैसा मांगा जाता था, अब जब बदमाशों की इस ट्रिक से सभी परिचित हो गए है तो बदमाशों ने फेक व्हाट्स एप्प कॉल कर ठगी करना शुरू कर दिया। इसमें बदमाश किसी भी नम्बर पर व्हाट्स एप्प कॉल करते है और फोन पर धमकाते है कि उन्होंने उसके बच्चे का अपहरण कर लिया है और खुद को पुलिसकर्मी बताकर बच्चे को किसी भी गंभीर अपराध का हवाला देकर गिरफ्तार करने और बच्चे व परिजन के दुर्घटना में घायल होने का बताकर डराते है और पैसा मांगते है। परिजन अपने चहेते के अपहरण होने या गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही घबरा जाते है और बिना कुछ सोचे समझे अपने चहेेते को मुसीबत से निकालने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते है और इन बदमाशों को पैसा ट्रांसफर कर देते है। बाद में जब पता चलता है कि उनका चहेता सुरक्षित है और उनके साथ ठगी हो गई है तो वे राहत की सांस लेते है पर कर कुछ नहीं पाते है क्योंकि जिन नम्बरों से व्हाट्स पर फेक कॉल आया था वह बंद हो चुका होता है। बाद में पुलिस थाने के चक्कर काटो पर होता कुछ नहीं है। ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि इस तरह से व्हाट्स एप्प कॉल आने पर वे पहले अपने चहेते या घर पर फोन करें और पुष्टि करें। यदि ऐसी कोई घटना भी होती है तो इन लोगों की बात मानने के बजाए पुलिस से सम्पर्क करें। पुलिस ऐसे बदमाशों को सबक सिखाना अच्छी तरह से जानती है।

 

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