शहर के फतहपुरा स्थित एक निजी स्कूल में गुरुवार को अभिभावकों और हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा किया। आरोप है कि एक शिक्षिका ने बच्चों को यह पढ़ाया और समझाया कि भगवान को किसी ने नहीं देखा।
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चों से शिकायत मिलते ही उक्त टीचर को टर्मिनेट कर दिया है। लेकिन परिजन और संगठनों को घटनाक्रम का पता चला तो उन्होंने स्कूल परिसर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ये लोग बच्चों को धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी गलत जानकारियां देने वाले सभी शिक्षकों को हटाने की मांग पर अड़ गए। स्कूल मैनेजमेंट ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पेरेंट्स और संगठन पदाधिकारियों के मुताबिक गत 8 जुलाई को बोहरा समाज से जुड़ी एक शिक्षिका ने पढ़ाते समय हिंदू धर्म की मान्यताओं को लेकर कोई टिप्पणी कर दी। यह पता नहीं चल पाया है कि शिक्षिका की बात किस संदर्भ में थी। बच्चों ने इसकी शिकायत स्कूल प्रबंधन से की। फिर वालों को भी सब कुछ बताया। इस पर अभिभावक और हिंदू संगठनों से जुड़े कई लोग स्कूल पहुंच गए। इन्होंने बच्चों को भड़काने की कोशिश के आरोप लगाते हुए जमकर नारे लगाए।
हंगामा देखकर स्कूल प्रबंधन ने उक्त शिक्षिका को घटना के दिन ही निष्कासित करने की जानकारी दी, लेकिन लोग इस बात पर अड़ गए कि उन सभी शिक्षकों को हटाया जाए जो बच्चों के मन में ईश्वर के प्रति गलत धारणा बना रहे हैं। संगठन पदाधिकारियों ने इसके लिए 7 दिन की मोहलत दी है, जबकि स्कूल प्रबंधन ने समुचित कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया है। प्रदर्शन करने वालों में श्री अन्नपूर्णा माताजी धर्मोत्सव समिति सचिव कुंदन चौहान, करणी सेना, भाजपा युवा मोर्चा के देव वसीटा, बजरंग दल, श्रीराम सेना से जुड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
बच्चों से शिकायत मिलते ही शिक्षिका को हटाया : स्कूल प्रशासन
8 जुलाई को बच्चों ने हमें रिपोर्ट की थी। हमने उसी दिन इंक्वायरी बैठाई और जांच के बाद उक्त अध्यापिका को टर्मिनेट कर दिया। उसके बाद से हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। संगठनों ने अभी जो भी मुद्दे रखे हैं, उन पर हम प्रबंधन के साथ बैठक में चर्चा और विचार करेंगे। अभी इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता कि शिक्षिका ने किस संदर्भ में यह बात कही। बच्चों से जानकारी सामने आते ही हमने शिक्षिका को हटा दिया है।