दो माह में संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए बनेगी कमेटी, राज्य सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
उदयपुर के मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर संविदा कर्मचारियों की चल रही अनिश्चितकालीन हडताल मंगलवार रात समाप्त हो गई लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया हैं। संविदा कर्मचारियों की ओर से 2 जनवरी से शुरू की गई अनिश्चितकालीन हडताल के समर्थन में एबीवीपी औए एनएसयूआई के उतरने के बाद मंगलवार दिनभर हंगामा चला। दोनों ही संगठनों ने अपने—अपने तरीके से विश्वविद्यालय की कुलपति सुनीता मिश्रा व प्रशासनिक अधिकारियों तक कर्मचारियों की मांगो को पहुंचाया।
इसके बावजूद विश्वविद्यालय की ओर से कोई स्थाई समाधान नहीं निकालकर केवल दो महीनों के लिए कर्मचारियों की सेवाओं को आगे बढ़ाने का फैसला किया। इन दो महीनों मे पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर समस्याओं के समाधान के लिए रिपोर्ट तैयार करने के बाद राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने पर सहमति बन पाई। संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष नारायण सालवी ने बताया कि विश्वविद्यालय में संविदा पर कार्य करने वाले 325 कर्मचारियों को भविष्य अंधेरे में हैं उन्होंने यह भी कहा कि अभी दो महीनों के लिए सेवाओं को आगे बढ़ाया गया है लेकिन कर्मचारी कब तक इस तरह से अपनी मांगो को मनवाने के लिए हडताल करते रहेंगे।
बुधवार से संविदा कर्मचारियों ने फिर से संभाली कमान
मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में नॉन टीचिंग स्टॉफ के आधे से ज्यादा पद खाली है। जिन पर संविदा कर्मचारी वर्षो से कार्य कर रहे है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से खाली पदों पर संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर रखी है लेकिन बार—बार कर्मचारियों को अपने हक के लिए लड़ना पडता हैं। दो जनवरी को शुरू हुई हडताल 7 जनवरी को रात को खत्म हुई उसके बाद बुधवार से फिर से कर्मचारी काम पर लौट आए लेकिन बार—बार हडताल से विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र—छात्राओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है। इसके लिए विश्वविद्यालय को स्थाई समाधान निकालना चाहिए।