देश की सबसे पुरानी संस्थाओं में से एक इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की स्थापना 1949 में की गई। यह संस्था नए चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की परीक्षाओं का संचालन करती हैं। इसके अलावा अभ्यास प्रमाण पत्र जारी करती हैं। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स डे पर हम आपको बताने जा रहे है कि कम्पनी में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की भूमिका कितनी अहम होती हैं। इसके अलावा सीए आम व्यक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स किस तरह से अपना कार्य करता हैं और इससे सीए के क्या-क्या कार्य होते हैं। जानेगें इस खबर में।
सीए बनने के बारे में जानने से पहले हमारे लिए यह जानना बेहद जरुरी
सीए बनने के बारे में जानने से पहले हमारे लिए यह जानना बेहद जरुरी है की सीए कौन होता है और वह क्या क्या काम करता हैं। सीए का काम वित्तीय लेखे जोखे को समझकर उसका प्रबंधन करना होता हैं। इसके अलावा सीए एक वित्तीय सलाहकार की तरह लोगो को व्यापार, कर और फाइनेंस से जुडी सलाह देने का काम करते हैं। सीए बनने के लिए छात्रों को कक्षा 12वीं के बाद सबसे पहले सीए फाउंडेशन की परीक्षा पास करनी होती है। सीए फाउंडेशन के बाद छात्र सीए इंटरमीडिएट लेवल की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते है । यद्यपि कई बार छात्र सीए फाउंडेशन की परीक्षा देने से चूक जाते है तो वह डायरेक्ट एंट्री रूट के माध्यम से ग्रेजुएशन के बाद इंटरमीडिएट लेवल में दाखिल हो सकते है। सीए फाउंडेशन कोर्स, सीए बनने का सबसे पहला चरण हैं।
आईटीआर भरने से क्या-क्या फायदे
अगर जीएसटी अदा करनी है तो आम व्यक्ति के लिए सीधे जीएसटी अदा करना बहुत मुश्किल होता हैं ऐसे में कोई भी व्यापारी सीए की मदद से जीएसटी अदा करता हैं। इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न के फार्म भरने में भी सीए की महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं। कई लोगों को आईटीआर भरने से होने वाले फायदों के बारे में पता नहीं होता इसलिए हम आपको बताने जा रहे है कि आईटीआर भरने से क्या-क्या फायदे होते हैं। अगर आप किसी दूसरे देश में जा रहे हैं तो वीजा के लिए जब आप आवेदन करते हैं तो आपसे इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जा सकता है। कई देशों की वीजा अथॉरिटी वीजा के लिए 3 से 5 साल का आईटीआर मांगते हैं।
आईटीआर के जरिए वे चेक करते हैं कि जो आदमी उनके देश में आना चाहता है कि उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है. आयकर रिटर्न आपकी इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थान इनकम प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं, अगर आप नियमित तौर पर आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल जाता हैं। कई बार नौकरीपेशा इनकम स्लैब टैक्स के दायरे में नहीं आते फिर भी किसी वजह से टीडीएस कट जाता है। ऐसे में अगर आपको रिफंड चाहिए तो आईटीआर भरना जरूरी है। टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए आईटीआर फाइल करना होगा।