केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, औद्योगिक फैडरेशनों और सयुक्त किसान मोर्चा को सांझा मंच के देशव्यापी आह्वान पर किसान -मजदूर संगठनों ने जिला कलक्ट्रेट उदयपुर पर काला दिवस मनाकर राष्ट्रपति के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले जिला कलक्ट्रेट पर काले झंडों के साथ, नारेबाजी कर सभा की।
बीमा कर्मचारियों के नेता मोहनलाल सियाल ने कहा कि आज की भाजपा सरकार मजदूर – किसानों के वोट लेकर बनी लेकिन अब कलम चलाकर नीतियों से दोनों को मार रहीं है। आजादी के पहली सरकार जिसने एक भी कारखाना लगाने की बजाय अडाणी को सबकुछ दे दिया है।
एटक के हिम्मत चांगवाल ने कहा कि सरकार ने किसानों के हत्यारे , श्रमिकों के शोषणकर्ता पुंजीपतियों को बचाने का ठेका ले लिया है। हमें सरकार बदलने की जरूरत ताकि जनविरोधी शासन का खात्मा हो। अखिल भारतीय किसान महासभा के डॉ चंद्रदेव ओला ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के लिए श्रम की बात है कि लखीमपुर खीरी में किसानों के हत्यारे गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी तक सरकार की शोभा बढ़ा रहा है। सरकार की उदासनीता के चलते ,किसानों को अभी तक न्युनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून नहीं मिला है।
देश के किसान -मजदुर संगठनों का एकमंच पर आना बताता है कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की नीति कामयाब नहीं होगी। सीटू के जिला संयोजक राजेश सिंघवी ने कहा कि किसान, मजदुर, महिला, छात्र, नौजवानों के बाद सरकारी कर्मचारियों ने रामलीला मैदान में लाखों की संख्या में रैली कर बता दिया कि जो जनता की बात करेगा, वो जनता में राज करेगा। महंगाई, बेरोजगारी ने आम जनता के साथ मजदुरों को भी तबाह कर दिया है।