शहर में सावन का आखिरी सोमवार भी सूखा बीता। नमी कम होने के साथ अब धूल के गुबार भी उठने लगे हैं। पारे में मामूली बढ़त के साथ दिन में गर्मी, लेकिन रात और अल सुबह ठंडक महसूस होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार मेवाड़ समेत प्रदेश में अगले एक हफ्ते तक बारिश के आसार कम हैं, क्योंकि ऐसा कोई वेदर सिस्टम ही नहीं बन रहा।
अगस्त के दौरान उदयपुर का औसत अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री रहता है। इस साल इस महीने के 28 में से 22 दिन यह औसत से ऊपर यानी 31 के इर्द-गिर्द ही रहा है। एक से 18 अगस्त तक ड्राय स्पेल के बाद दो दिन छिटपुट बारिश हुई। इस महीने अब तक महज 63 मिलीमीटर बारिश हुई। जुलाई में पहली बार ऐसा हुआ था कि मानसून के पहले ही दौर में शहर के झील-तालाब ओवर फ्लो हो गए थे। अब बारिश की खींच किसानों की भी परेशानी बढ़ा रही है, क्योंकि खरीफ की फसलों को सींचने की जरूरत है और खेतों से नमी गायब होती जा रही है। प्रदेश में रविवार को लोकल सिस्टम के चलते हनुमानगढ़-गंगानगर एरिया में जरूर कुछ स्थानों पर हल्की-मध्यम बारिश के बाद उमस का जोर भी बढ़ गया है।
मौसम केन्द्र, जयपुर के मुताबिक राज्य में अगले अगले ७ दिन मौसम साफ ही रहेगा। वजह ये है कि मानसून की टर्फ लाइन अभी हिमालय से होकर गुजर रही है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर-पूर्वी भारत की ओर बना हुआ है। इस सिस्टम के कारण ही उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से और हिमाचल प्रदेश के अलावा नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में बारिश हो रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत मध्य भारत के कई हिस्सों में अभी कोई बड़ा वेदर सिस्टम एक्टिव नहीं है, जिसके कारण यहां अगले एक सप्ताह तक अच्छी बारिश होने की संभावना नहीं दिख रही।
फिर भी राज्य में अब तक 16 फीसदी ज्यादा बरसात
राजस्थान में अब तक सामान्य से 16 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है। मानसून सीजन में 1 जून से 27 अगस्त तक औसत सामान्य बारिश 357.5 मिलीमीटर होती है, जबकि इस सीजन में अब तक औसत बारिश 415.7 मिलीमीटर पानी बरस चुका है। पूर्वी राजस्थान में सामान्य से तीन फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में बारिश सामान्य से थोड़ी ज्यादा है।