उदयपुर। संसद में उदयपुर हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कानून मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब के बाद उदयपुर में अधिवक्ताओं में काफी रोष है और शनिवार को उदयपुर बार एसोसिएशन की ओर से न्यायिक कार्यो का बहिष्कार करते हुए सुंदरकांड का पाठ किया और जिम्मेदार अधिकारियों सहित मेवाड के नेताओं को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।
उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत जोशी ने बताया कि मेवाड के नेताओं की निरसता और कमजोरी की वजह से पिछले 42 सालों से चल रहे आंदोलन के बाद भी उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की मांग अधूरी हैं। ऐसे में अब नेताओं की बजाय भगवान की शरण मे जाना पड़ा और सद्बुद्धि यज्ञ के साथ सुंदरकांड करते हुए भगवान से प्रार्थना की गई है कि भगवान जल्द इन नेताओं को सद्बुद्धि दे ताकि यहां पर हाईकोर्ट बैंच की स्थापना हो सकें।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले केन्द्र सरकार के कानून मंत्रालय की ओर से बताया गया कि उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच का प्रस्ताव पेडिंग नहीं हैं। यहां पर होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपने मेनिफेस्टो में इस बात को शामिल करते है लेकिन बाद में भूल जाते हैं। ऐसे में उदयपुर में 42 सालों से चला आ रहा आंदोलन शून्य पर आ गया हैं। भरत जोशी ने बताया कि सद्बुद्धि यज्ञ के माध्यम से नेताओं को भगवान सद्बुद्धि दे ताकि वे उदयपुर बार एसोसिएशन के साथ खडे होकर इस मांग को केन्द्र और राज्य सरकार तक पहुंचाने में मदद करें।
नई कार्यकारिणी नई रणनिति के इस आंदोलन को बढाएगी
उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत जोशी ने बताया कि हाईकोर्ट बैंच का आंदोलन किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होने देगें। उन्होंने यह भी कहा कि उनका कार्यकाल 13 दिसम्बर तक है लेकिन आने वाले कार्यकारिणी इस आंदोलन को आगे ले जाने का काम करेगी। यह आंदोलन 42 साल पुराना आंदोलन है, ऐसे में इस आंदोलन को खत्म नहीं होने देगें।