उदयपुर बहुचर्चित आरपीएसपी पेपर लीक मामले में मंगलवार को एसओजी ने बडी कार्यवाही करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के मेंबर बाबूलाल कटारा को अजमेर से गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही उसके भांजे विजय कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया है। एसओजी के एसपी विकास सांगवान ने बताया- कटारा सहित तीन को गिरफ्तार किया है। घरों की तलाशी ली गई है। फिलहाल उन्हें जयपुर ले जाया जा रहा है। वहां पूछताछ की जाएगी कि कैसे एग्जाम के पेपर शेर सिंह मीणा तक पहुंचाए गए।
कुछ दिन पहले ही भूपेंद्र सारण को पेपर बेचने वाला शेर सिंह मीणा गिरफ्तार हुआ था। शेरसिंह मीणा ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने के लिए आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा से संपर्क किया। उस समय बाबूलाल कटारा उदयपुर के आदिम जाति शोध संस्थान के निदेशक पद पर कार्यरत था। शेरसिंह मीणा को पता था कि बाबूलाल कटारा आने वाले समय में आरपीएससी में प्रमोट होकर मेंबर बन सकता है। आरपीएससी में सेंध लगाने के लिए वह बाबूलाल कटारा से लगातार संपर्क में रहा। इस दौरान 15 अक्टूबर 2020 को बाबूलाल कटारा आरपीएससी का मेंबर बना। इसके बाद दोनों की नजदीकी और बढ़ गई।
एसओजी सूत्रों के मुताबिक शेरसिंह मीणा ग्रेड सेकेंड भर्ती परीक्षा की तैयारियों के समय कटारा से लगातार संपर्क में रहा। इस दौरान वह भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने का प्रयास करता रहा। भर्ती परीक्षा का पेपर आते ही उसने पेपर करीब एक करोड़ रुपए में भूपेंद्र सारण को बेच दिया था। इसके बाद भूपेंद्र सारण ने 20 लाख रुपए का अपना कमीशन रखकर पेपर सुरेश ढाका को बेच दिया। सुरेश ढाका ने पेपर अपने साले सुरेश विश्नोई को दिया था। सुरेश विश्नोई ने वह पेपर अभ्यर्थियों को पांच से आठ लाख रुपए में बेचा था।