राजस्थान में तत्कालीन गहलोत सरकार के समय सफाई कर्मचारियों की भर्ती पर तलवार लटक सकती हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में राजस्थान के शहरों की अच्छी रैंक नहीं आने से नाराज स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि सफाई कर्मचारियों की हुई भर्ती प्रकिया पर जल्द ही एक बैठक कर यह निर्णय किया जाएगा कि सफाई कर्मचारी भर्ती का रिव्यू हो ताकि जरूरत पड़ने पर 23 हजार कर्मचारियों की भर्ती की जांच करवाई जा सकें या फिर से जरूरत पड़ने पर नई भर्ती प्रकिया अपनाई जा सके।
आपको बता दे कि हाल ही में केन्द्र सरकार की और से जारी की गई स्वच्छता रैंकिग में उदयपुर सहित प्रदेश के सभी शहरों की रैंकिग में भारी गिरावट आई थी इसके बाद स्वायत्त शासन मंत्री ने चिंता जाहिर की हैं।
उन्होंने मंगलवार को जयपुर में कहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में राजस्थान के शहरों की अच्छी रैंक नहीं आने के लिए सफाई कर्मचारी, सफाई निरीक्षक से लेकर कर्मचारी-अधिकारी से लेकर आयुक्त तक जिम्मेदार है। इनके गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल खडे होते दिखाई दे रहे हैं।
सफाई कर्मचारी करेंगे केवल सफाई का कार्य
प्रदेश में कई शहरों में सफाई कर्मचारी अपना मूल कार्य छोडकर अन्य कार्य कर रहे हैं। ऐसे में स्वायत्त स्वायत शासन विभाग ने एक आदेश जारी कर प्रदेशभर में सफाई कर्मचारियों को केवल सफाई के काम पर लौटने की बात कही हैं। ऐसे में अगर 31 जनवरी तक वह सभी लोग अपने मूल काम पर नहीं आए। तो अगले महीने से उनका वेतन (सैलरी) रोक दिया जाएगा।