पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भाजपा की परिवर्तन यात्रा से पहले की गई धार्मिक यात्रा ने सियासी गलियारो में खलबली मचा दी हैं। राजे ने शुक्रवार को धार्मिक यात्रा के तहत राजसमंद जिले के चारभुजानाथ, श्रीनाथजी के दर्शन किए तो वहीं इसके बाद राजे ने बांसवाडा जिले में त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन कर आर्शीवाद लिया।
राजे शुक्रवार को सबसे पहले हेलीकॉप्टर से चारभुजानाथ मंदिर पहुंची। यहां पर राजे ने विधि विधान से पूजा अर्चना की। राजे का मंदिर में परम्परा के अनुसार मेवाडी चुनरी से स्वागत किया गया। इससे पहले राजे के स्वागत में राजसमंद जिले के भाजपा नेता नजर नहीं आए। हांलाकि पूर्व में पदों पर रह चुके नेताओं ने राजे का स्वागत किया। इसके बाद राजे मंदिर में दर्शन करने पहुंची थी।
यहां पर दर्शन के बाद राजे श्रीनाथजी में राज भोग के दर्शन किए। हांलाकि यहां पर राजे ने चलते—चलते मीडिया से दो टूक बात की। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य शुरू करने से पहले देव दर्शन करना जरूरी हैं और वे कोई बडा कार्य करने से पहले चारभुजानाथ, श्रीनाथजी और त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन जरूरी करती हैं। राजे की धार्मिक यात्रा ने कई तरह के सियासी सवालों को जन्म दे दिया हैं तो वहीं दूसरी और धार्मिक यात्रा को लेकर कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं।
वहीं राजे श्रीनाथजी में दर्शन करने के बाद त्रिपुरा सुंदरी पहुंची। यहां पर राजे ने विधिवत पूजा अर्चना की। इससे पहले भी राजे कई बार चारभुजानाथ और त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन कर चुकी हैं लेकिन इस बार एक साथ तीन जगहों पर देव दर्शन के बाद कई तरह की चर्चाएं होना शुरू हो गई हैं। वहीं भाजपा की और से निकाली जा रही चार परिवर्तन यात्राओं में राजे पार्टी का चेहरा नहीं है। ऐसे में देखना यह होगा कि इस देव दर्शन यात्रा से पार्टी की परिवर्तन यात्रा पर कितना असर पड़ता हैं।