जिला पर्यावरण समिति की बैठक सोमवार को समिति अध्यक्ष व जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल के निर्देशन में कलक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें उदयपुर शहर को देश की पहली वेटलैण्ड सिटी घोषित कराने के प्रस्ताव पर चर्चा कर अनुमोदन किया गया।
अब प्रस्तावों को राज्य आर्द्र भूमि प्राधिकरण तथा पर्यावरण संरक्षण व जलवायु परिवर्तन विभाग के माध्यम से रामसर सचिवालय भारत सरकार को भेजा जाएगा। वेटलैण्ड सिटी नामित होने पर उदयपुर जिले में पर्यावरण संरक्षण तथा जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयासों को गति मिलेगी। वहीं इको ट्यूरिज्म को भी बढावा मिलेगा।
बैठक में सदस्य सचिव उप वन संरक्षक अजय चित्तौड़ा ने उदयपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वेटलैण्ड सिटी नामित कराने के प्रस्ताव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विश्व में मात्र 18 शहर वेटलैण्ड सिटी नामित हैं। इनमें भारत से एक भी शहर शामिल नहीं है। भोपाल को वेटलैंड सिटी नामित करने का प्रस्ताव भिजवाया जा चुका है। चूंकि उदयपुर प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध है। उदयपुर के आठ जलस्त्रोत वेटलैण्ड सूची में नामित हैं। ऐसे में वेटलैण्ड सिटी घोषित होने पर जलस्त्रोतों के संरक्षण में सहयोग मिलेगा। जलस्त्रोतों के कैचमेंट मैनेजमेंट, वाटरशेड मैनेजमेंट, इको ट्यूरिज्म, एग्रो ट्यूरिज्म आदि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पर्यावरण सलाहकार शार्दुल कोठारी ने बताया कि वेटलैंड प्रस्ताव का जिला पर्यावरण समिति में अनुमोदन के पश्चात राज्य आर्द्र भूमि प्राधिकरण तथा पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को भेजा जाएगा। प्रस्तावों पर तकनीकी अध्ययन सहित अन्य आवश्यक कार्यवाही के बाद उन्हें रामसर सचिवालय भारत सरकार को भिजवाया जाएगा।