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विधानसभा सत्र में CM गहलोत कर सकते हैं घोषणा, 14 और नए जिले बनाने की तैयारी

राजस्थान में एक बार फिर नए जिले बनाने की कवायद तेज हो गई है। जिसके बाद अब राजस्थान में 50 नहीं बल्कि 64 जिले होंगे। वहीं 10 संभागों की जगह 13 संभाग हो सकते हैं। इसे लेकर गठित राम लुभाया कमेटी ने एक्सरसाइज तेज हो गई है।

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दरअसल राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की ओर से नए जिलों के लिए गठित राम लुभाया कमेटी को 14 और नए जिले बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। जिसके बाद इन नए जिलों के प्रस्ताव पर एक्सरसाइज शुरू कर दिया गया है। सिफारिश में कहा गया है कि आखिर इन 14 में से कितने जिले बनने के लिए फिट है और कितने अनफिट। गहलोत सरकार ने जिन 14 जिलों का प्रस्ताव राम लुभाया कमेटी को भेजा है। अगर इन जिलों के नामों पर मुहर लगती है, तो आगामी विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसकी घोषणा कर सकते हैं।

सुजानगढ़- नया जिला बनाने की मांग
राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने अपनी जनता से सुजानगढ़ को जिला बनाने का वादा किया था, हालांकि साल 2020 में उनका निधन हो गया। जिसके बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे मनोज मेघवाल ने जीत हासिल की थी, हाल ही में नवगठित जिलों में सुजानगढ़ का नाम ना आने के बाद इलाके के लोगों में रोष है और वह मनोज मेघवाल का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में इलाकों का नाम नए जिलों के विचार के लिए भेजा गया है, उसमें सुजानगढ़ का भी नाम है।

भिवाड़ी-नया जिला बनाने की मांग
दिल्ली से राजस्थान के प्रवेश द्वार पर स्थित भिवाड़ी को लंबे समय से जिला बनाने की मांग जारी है, यहां तक कि बहुचर्चित थानागाजी रेप कांड के बाद भिवाड़ी को पुलिस जिला बनाया गया था, लेकिन हाल ही में घोषित नए जिलों में भिवाड़ी का नाम नहीं था। जिसके बाद बसपा से कांग्रेस में आए विधायक संदीप यादव विधानसभा के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे जिसके बाद उनकी समझाइश कर नए जिलों के प्रस्ताव में भिवाड़ी का नाम भी भेजा गया है।

सूरतगढ़-नया जिला बनाने की मांग
श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ को भी अलग जिला बनाने की मांग जारी है। सूरतगढ़ राजस्थान और पंजाब के सरहदी इलाके में स्थित है, जहां हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दौरा किया था, इस दौरान वहां के लोगों ने पुरजोर मांग की कि सूरतगढ़ को नया जिला घोषित किया जाए।

मालपुरा-नया जिला बनाने की मांग
हाल ही में जयपुर और अजमेर से अलग करके दूदू-केकड़ी को नया जिला घोषित किया गया है। इसी जिले में टोंक जिले के मालपुरा को भी शामिल किया जाना प्रस्तावित है, जिसे लेकर मालपुरा के लोग विरोध कर रहे हैं, यहां के स्थानीय लोग मालपुरा को अलग जिला घोषित करवाना चाहते हैं, मालपुरा जयपुर और टोंक से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर स्थित है। हाल ही में 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान ने भी स्थानीय लोगों से मुलाकात की थी, जिसके बाद प्रस्तावित नए जिलों की सूची में मालपुरा का नाम भी शामिल किया गया है।

फुलेरा-सांभर-नया जिला बनाने की मांग
हाल ही में प्रस्तावित दूदू केकड़ी जिले में सांभर-फुलेरा को भी शामिल किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन इसका पुरजोर विरोध हो रहा है। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है सांभर-फुलेरा दूदू के मुकाबले सड़क, रेल, परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, व्यापार, इतिहास और पर्यटन की दृष्टि से ज्यादा विकसित है। ऐसे में अगर सांभर फुलेरा को जयपुर से अलग किया जाता है, तो इसे नया जिला बनाया जाए, ना किसी अन्य जिले में सम्मिलित किया जाए।

भीनमाल-नया जिला बनाने की मांग
दक्षिण पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक कस्बा भीनमाल को भी अलग जिला बनाने का की मांग जारी है, भीनमाल जालौर जिले में आता है जिसके पास के बालोतरा और सांचौर को हाल ही में जिला बनाने की घोषणा की गई है। ऐसे में इलाके के लोगों में रोष है, इसे देखते हुए भीनमाल पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

निंबाहेड़ा-नया जिला बनाने की मांग
औद्योगिक इकाइयों और सीमेंट फैक्ट्री के लिए जाने जाने वाला निंबाहेड़ा को भी नए जिले बनाने की मांग है। निंबाहेड़ा राजस्थान-मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित समृद्ध कस्बों में से एक है, यहीं से आने वाले विधायक उदयलाल आंजना गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी है। उनकी ओर से चित्तौड़गढ़ को संभाग और निंबाहेड़ा को जिला बनाने की मांग है।

लाडनूं-नया जिला बनाने की मांग
नागौर जिले में स्थित लाडनू को भी जिला बनाने की मांग लंबे अरसे से जारी है। यहां से आने वाले सचिन पायलट समर्थक विधायक मुकेश भाकर भी जोर शोर से इसे जिला बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं, लाडनू और सुजानगढ़ को मिलाकर एक जिला बनाने की भी मांग है।

देवली-नया जिला बनाने की मांग
इसे केकड़ी शाहपुरा में शामिल किया जाना प्रस्तावित है। जिसका विरोध वहां के स्थानीय लोग कर रहे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है सड़क, चिकित्सा, परिवहन और शिक्षा में देवली केकड़ी और शाहपुरा से कई गुना आगे हैं। ऐसे में देवली को वहां के स्थानीय लोग अजमेर की जगह जयपुर संभाग में शामिल करवाना चाहते हैं, सरकार की ओर से गठित कमेटी इस पर मुहर लगा सकती है।

जैतारण-सोजत-नया जिला बनाने की मांग
हाल ही में घोषित नव संभागों में पाली को संभाग बनाया गया है, ऐसे में जैतारण सोजत पाली के 2 बड़े कस्बे हैं, जिन्हें जिला बनाया जा सकता है। पूर्व मुख्य सचिव और सीएम सलाहकार निरंजन आर्य भी सोजत से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पिछले चुनाव में उनकी पत्नी संगीता आर्य कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। लिहाजा पाली के नए संभाग बनने पर जैतारण सोजत को नया जिला बनाया जा सकता है।

वही भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर और नागौर को नए संभाग बनाने की मांग तेज होती जा रही है। ऐसे में नए जिलों के साथ एक बार फिर नए संभागों की भी घोषणा हो सकती हैं।

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