उदयपुर जिले के फतहनगर थाने के थानाधिकारी और उसी थाने के एक हैडकांस्टेबल पिछले चार दिनों से अपराधियों की तरह फरार हैं। साढे चार लाख रूपए की रिश्वत लेने के मामले में एसीबी की टीमें दोनों की तलाश में जुटी हैं।
स्क्रीन पर दिखाई दे रहा थानाधिकारी और कोई फतहनगर थाने के थानाधिकारी सुरेशचंद मीणा हैं जो कि पिछले चार दिनों से इसलिए फरार चल रहे हैं क्यो कि इन पर साढे चार लाख रूपए रिश्वत लेने का मामला चल रहा हैं। इस मामले में हैड कांस्टेबल महावीर प्रसाद भी शामिल हैं। इसलिए दरोगाजी के साथ हैड कांस्टेबल को भी फरार होना पड़ा हैं। हांलाकि रिश्वत मामले में थानाधिकारी का बेटा एसीबी के हत्थे चढ़ गया है लेकिन वह मुख्य आरोपी नहीं हैं वह तो अपने पिता के लिए दलाल बनकर रिश्वत की राशि ले रहा था। दोनों के फरार होने के बाद जब एसीबी की टीम ने थानाधिकारी सुरेश चंद मीणा सरकारी आवास की तलाशी ली तो अलमारी के अंदर से एक देसी पिस्टल और 6 जिंदा कारतूस मिले।
एसीबी ने वहां उपस्थित फतहनगर थाने के कॉन्स्टेबल जितेन्द्र से पिस्टल के बारे में पूछा, जिसने पिस्टल का सरकारी नहीं होना बताया। एसीबी ने पिस्टल और कारतूस जब्त करते हुए थानाधिकारी के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि, आरोपी के पकड़े जाने के बाद ही खुलासा होगा कि पिस्टल-कारतूस कहां से लाया था और घर में क्यों रखे थे। वहीं, एसीबी और पुलिस की टीम थानाधिकारी सुरेशचंद और डबोक थाने के हैड कॉन्स्टेबल महावीर प्रसाद की लगातार तलाश में जुटी है। आपको बता दे कि 24 नवंबर को थानाधिकारी विधानसभा चुनाव की ड्यूटी में थे। तभी एसीबी द्वारा ट्रेप कार्रवाई के दौरान जब परिवादी 4.50 लाख रुपए थानाधिकारी को देने के लिए थाने पहुंचा था, तब थानाधिकारी ने खुद के बेटे सौरभ मीणा को रिश्वत के पैसे लेने भेज दिया। तभी एसीबी की टीम ने थानाधिकारी के बेटे को 4.50 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।