राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ दुर्ग में गुरूवार को स्थानीय लोगों व हिंदु संघर्ष समिति के सदस्यों ने दुर्ग परिसर में मोहर्रम जुलुस का विरोध करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर कुंभलगढ़ के बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे। लोगों ने इस विरोध के लिए पुरातत्व विभाग को दोषी ठहराया। दरअसल कुछ दिनों पूर्व दुर्ग में स्थित महादेवजी के मंदिर से पुरातत्व विभाग के दो अधिकारियों ने ध्वज हटा दिया था।

उसके बाद अब दुर्ग में मोहर्रम के जुलुस निकलने की जानकारी आसपास के लोगों ने अन्य लोगों को दी तो हिंदू संघर्ष समिति के सदस्य वहां पर पहुंच गए और जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए जुलुस नहीं निकलने देने की मांग की। हिंदू संघर्ष समिति के सदस्यों ने यह भी कहा कि अगर महादेव मंदिर से ध्वजा को हटा दिया गया तो पुरातत्व विभाग मोहर्रम पर कैसे जुलुस निकालने दे रहा है। इधर केलवाडा में भी बस स्टैंड पर पुरातत्व विभाग के खिलाफ आसपास के लोगोंं जमकर नारेबाजी करते हुए बसं स्टैंड की सभी दुकानों को बंद रखा।
धरना स्थल पर पहुंचे कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़
कुंभलगढ़ दुर्ग से मोहर्रम के मौकेे पर निकलने वाले जुलुस के विरोध में दिए जा रहे धरना स्थल पर कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड पहुंचे और उन्होंने पुरातत्व विभाग के दो अधिकारियों को नमूना बताते हुए कहा कि पुरातत्व विभाग के दो अधिकारी इस विरोध के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग के दो नमूनों के नाम सामने आए हैं। इन दोनों नमूनों की यहां से जाने की पूरी तैयारी परी और फिर यहां से आधी बीमारी साफ हो जाएगी। विधायक राठौड़ ने जनता को बताया कि पिछले तीन दिन से प्रशासन से मेरी बात चल रही है, कोई ना कोई अच्छा निर्णय जरूर आएगा। यदि फिर भी इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया गया तो मैं आपके साथ धरने पर बैठने के लिए तैयार हूं। इधर धरने में शामिल लोगों का कहना है कि इस मामले में पुरातत्व विभाग की अनुमति के बगैर कुंभलगढ़ दुर्ग में मोहर्रम के जुलूस निकालने की तैयारी कैसे हो सकती है।